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रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी बदलेगी शरिया के मुताबिक पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को  'दुनिया में इस्लाम की सही तस्वीर' पेश करने के लिए  "रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी" के गठन का ऐलान किया.

Updated on: 10 Oct 2021, 10:48 PM

highlights

  • इमरान खान ने किया रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी के गठन का ऐलान
  • पाक शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक करेगा रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी
  • अथॉरिटी का काम दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है

नई दिल्ली:

तालिबान के कट्टरपंथी तो लंबे समय से पाकिस्तान में फल-फूल रहे थे, लेकिन तालिबानी विचार को अब पाकिस्तान की सत्ता सरे-आम न सिर्फ स्वीकार कर रहा है बल्कि उस विचार को दुनिया भर में फैलाने का ऐलान भी किया है. रविवार को इस्लामाबाद की धरती पर जो कुछ हुआ वह आने वाले दिनों में बाकी दुनिया के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब 'दुनिया में इस्लाम की सही तस्वीर' पेश करने के लिए कट्टर तालिबानी विचार को आगे बढ़ाने का ऐलान किया है. 

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कट्टरवादी इस्लामिक समूह की शान में कसीदे गढ़ रहे हैं, इमरान खान के साथ ही पाकिस्तान का शासक वर्ग जिस तरह तालिबान को स्वीकार करने के लिए अप्रत्यक्ष तरीके से विश्व समुदाय को धमकी देने में लगा था, उससे पहले ही संकेत मिल चुका था कि वह अपने मुल्क को भी उसी राह पर ले जाना चाहते हैं. अब उन्होंने इस दिशा में कदम आगे भी बढ़ाने शुरू कर दिए हैं.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को  'दुनिया में इस्लाम की सही तस्वीर' पेश करने के लिए  "रहमतुल लील आलमीन अथॉरिटी" के गठन का ऐलान किया. इसका मकसद साफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस अथॉरिटी का काम पाकिस्तान की शिक्षा व्यवस्था को शरिया के मुताबिक बदलना है. इस तरह से  इमरान खान ने पाकिस्तान में 'तालिबान की नींव' रख दी है.

इस्लामाबाद में आयोजित अशरा-ए-रहमतुल लील आलमीन (PBUH) को संबोधित करते हुए इमरान खान ने इसे देश के विकास से जोड़ते हुए कहा कि अपने नैतिक मूल्यों को कम करके कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता है. इमरान ने कहा, ''कई विद्वान इसका (अथॉरिटी) हिस्सा होंगे. इस अथॉरिटी का एक काम दुनिया को यह बताना होगा कि असल में इस्लाम क्या है. 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि मशहूर विद्वान इस अथॉरिटी का हिस्सा होंगे, जोकि स्कूलों के पाठ्यक्रम की निगरानी करेगा. तालिबान खान ने कहा, ''वे हमें बताएंगे कि क्या पाठ्यक्रम को बदलने की जरूरत है.'' देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में नाकाम रहे इमरान ने यह भी कहा कि दूसरे धर्मों की भी शिक्षा दी जाएगी. इमरान खान ने यह भी साफ किया कि मीडिया और सोशल मीडिया भी शरिया जानकारों के मुताबिक चलना होगा.  उन्होंने कहा कि एक विद्वान मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों को देखेगा. 

इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी को अपनी संस्कृति के मुताबिक कार्टून भी बनाने का काम दिया जाएगा. उन्होंने कहा, ''कार्टून हमारे बच्चों को विदेशी संस्कृति दिखा रहे हैं. हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें विकल्प दे सकते हैं।. इमरान खान ने कहा कि अथॉरिटी पाकिस्तानी समाज पर पश्चिमी सभ्यता के फायदे नुकसान का भी आकलन करेगा. उन्होंने कहा, ''जब आप देश में पश्चिमी सभ्यता लाते हैं, इसका आकलन करने की भी जरूरत है कि इसका हमें क्या नुकसान हो रहा है.''