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महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 साल की उम्र में निधन, शोक में डूबा ब्रिटेन

गुरुवार को एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्यूक ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी अकेले बालमोरल की यात्रा करेंगे.

Updated on: 08 Sep 2022, 11:51 PM

लंदन:

ब्रिटेन की सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया. शाही परिवार ने गुरुवार को ट्वीट किया, "रानी की आज दोपहर बाल्मोरल में मृत्यु हो गई. द किंग एंड द क्वीन कंसोर्ट आज शाम बालमोरल में रहेंगे और कल लंदन लौटेंगे. ” इससे पहले गुरुवार को बकिंघम पैलेस ने कहा कि डॉक्टर महारानी के स्वास्थ्य के लिए चिंतित हैं और वह चिकित्सकीय देखरेख में हैं. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने गुरुवार को नीदरलैंड में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं. इससे पहले "महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के स्वास्थ्य को लेकर सैकड़ों लोग उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए मूसलाधार बारिश का सामना करते हुए बकिंघम पैलेस के द्वार पर खड़े थे.

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गुरुवार को एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्यूक ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी अकेले बालमोरल की यात्रा करेंगे. पहले यह बताया गया था कि प्रिंस हैरी और उनकी पत्नी- मेघन, जो डचेस ऑफ ससेक्स हैं, स्कॉटलैंड की यात्रा करेंगे. एलिजाबेथ 1952 से ब्रिटेन और एक दर्जन से अधिक अन्य देशों की रानी रही हैं और इस साल की शुरुआत में उन्होंने सिंहासन पर अपना 70 वां वर्ष मनाया.

हाल के महीनों में रानी स्पष्ट रूप से कमजोर दिखाई दीं और सार्वजनिक कार्यक्रमों से कई बार वापसी की. वह एक छड़ी के सहारे चलने के लिए बाध्य थीं. उन्हें एक मोटर चालित बग्गी में चेल्सी फ्लावर शो का भ्रमण करते हुए भी देखा गया था. इस साल जून में ब्रिटेन महारानी के ब्रिटिश सिंहासन पर प्रवेश की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्लेटिनम जुबली समारोह के लिए एक साथ आया था. उनके पति प्रिंस फिलिप का पिछले साल उनके 100वें जन्मदिन से दो महीने पहले 99 साल की उम्र में निधन हो गया था. पूरी दुनिया से महारानी एलिजाबेथ के निधन से शोक संदेश की बाढ़ आई गई है. इस बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महारानी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, वर्ष 2015 और 2018 में यूके की अपनी यात्राओं के दौरान मेरी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ यादगार मुलाकातें हुईं. मैं उनकी गर्मजोशी और दयालुता को कभी नहीं भूलूंगा. एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे वह रूमाल दिखाया जो महात्मा गांधी ने उन्हें उनकी शादी में उपहार में दिया था. मैं उस इशारे को हमेशा संजो कर रखूंगा.