/newsnation/media/post_attachments/images/2020/01/05/qassim-77.jpg)
ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी जेनब सुलेमानी ने कहा है कि उनके पिता की मौत ने उन्हें ‘तोड़ा’ नहीं पाएगा और अमेरिका (America) को यह जान ले कि उनका खून बेकार नहीं जाएगा. सुलेमानी की बेटी जेनब सुलेमानी ने लेबनान के ‘अल-मनार टीवी’ को बताया कि ‘घटिया’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मारे गए ईरानी नेता की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता है.
यह भी पढ़ेंःननकाना साहिब की घटना पर सिद्धू की चुप्पी, अकाली दल बोला- पाकिस्तानी सेना और ISI को बेच दी है...
जेनब सुलेमानी ने रविवार को प्रसारित संक्षिप्त साक्षात्कार में कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को हिम्मत नहीं है क्योंकि उनके पिता को एक फासले से मिसाइल से निशाना बनाया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति को उनसे सामने खड़ा होना चाहिए था. जेनब ने कहा कि वह जानती हैं कि हिज्बुल्ला नेता हसन नस्रल्लाह उनके पिता की मौत का बदला लेंगे.
बता दें कि इससे पहले पश्चिम एशिया में गहराते संकट के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइप पोंपियो ने रविवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू से ईरान की बदनीयत और क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे पर बातचीत की. इस बीच ईरान के बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर मिसाइले दागने से हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को दो टूक चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने हमला किया तो उसके 52 ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा है कि अमेरिका 52 ठिकानों पर इसलिए हमला करेगा कि ईरान ने अब तक 52 अमेरिकियों को बंदी बनाया है.
यह भी पढ़ेंःराजस्थान: कोटा में नवजातों की मौत पर आपस में भिड़ी कांग्रेस सरकार, स्वास्थ्य मंत्री का सचिन पायलट पर पलटवार
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू से बातचीत करने के बाद माइक पोंपियो ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि हमारी बातचीत का केंद्र ईरान की बदनीयती और क्षेत्रीय सुरक्षा पर मंडराता खतरा था. साथ ही माइक पोंपियो ने आतंकवाद को पराजित करने के काम में इजरायल के तत्पर सहयोग का आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल के रिश्ते कभी नहीं टूटेंगे. गौरतलब है कि इराक पर अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद इजरायल खुलकर ट्रंप प्रशासन के पक्ष में आ खड़ा हुआ था. शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने पर इजरायल ने बयान जारी कर कहा था कि अमेरिका को आत्मरक्षा का अधिकार है.
गौरतलब है कि इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्यहू ने कहा था, 'जिस तरह इजरायल को आत्मरक्षा का अधिकार है, वही अधिकार अमेरिका को भी है. कासिम सुलेमानी अमेरिकी नागरिकों समेत कई और निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेदार था. वह और भी ऐसे ही हमलों का साजिश रच रहा था.' हालांकि ईरान ने शनिवार देर रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास मिसाइल हमले कर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं कि वह चुप बैठने वाला नहीं है. इसके बाद से पश्चिम एशिया के हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा कि ईरान बदला लेने की धमकी दे रहा है. मैं ईरान को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर उसने किसी अमेरिकी या अमेरिकी ठिकाने पर हमला किया तो हमने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान की है. (ईरान द्वारा बंधक बनाए गए 52 अमेरिकी बंदियों की याद में). इन 52 ईरानी ठिकानों में कई उच्च स्तर के हैं और ईरान और उसकी संस्कृति के लिए बेहद अहम हैं. इन ठिकानों पर बहुत तेजी से और बहुत विध्वंसक तरीके से निशाना बनाया जाएगा. इसलिए अमेरिका को और ज्यादा धमकी नहीं चाहिए.
Source : Bhasha