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मामूली बातों पर सड़कों पर उतरी भीड़ ने इन देशों को बनाया 'बंधक', हिंसक प्रदर्शनों से दहले शहर

हम आपको बताएंगे कि किन बातों को लेकर ये देश जल रहे हैं और लोग इतने ज्यादा संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं.

Updated on: 20 Oct 2019, 03:15 PM

highlights

  • चिली लेबनान और स्पेन में हो रहे हैं हिंसक प्रदर्शन. 
  • पुलिस को प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े.
  • जानें किन बातों को लेकर हो रहे हैं हिंसक प्रदर्शन. 

नई दिल्ली:

दुनिया में कई देश छोटी छोटी बातों को लेकर जल रहे हैं. वहां लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कहीं बस फूंके जा रहे हैं. दरअसल, साऊथ अमेरिकन देश चिली (Chile), स्पेन (Spain) और लेबनान (Lebanon) में हो रहे हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. हम आपको बताएंगे कि किन बातों को लेकर ये देश जल रहे हैं और लोग इतने ज्यादा संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं.
चिली (Chile)-राजधानी में कर्फ्यू
सबसे पहले बात करते हैं चिली की. चिली साऊथ अमेरिका में स्थित एक देश है. जिसकी राजधानी सैंटियागो (Santiago) है. सैंटियागो में पिछले दिनों से बवाल मचा हुआ है. लोग सड़कों पर उतर आए हैं और कई बसों, मेट्रो स्टेशनों को आग लगा दी गई है. जिसके बाद चिली के प्रेसिडेंट ने राजधानी में सैंटियागो में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है और सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलिट्री के हाथों में सौंप दी गई है.

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बताया जा रहा है कि शुक्रवार तक प्रदर्शनकारियों ने करीब 41 सबवे (Subway) ध्वस्त हो गए कर दिए. पिछले दिनों यहां पर प्रदर्शन इतना बढ़ गया कि कम से कम 16 बसों को आग लगा दी गई और दर्जनों मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह से खाक कर दिया गया. खराब हो रहे हालात को देखते हुए आधी रात को प्रेसिडेंट सबैस्टियन पिनेरा (President Sebastian Pinera) को इमरजेंसी की घोषणा करना पड़ा. राष्ट्रपति सेबैस्टियन पनेरा ने टेलीविज़न पर कहा कि आपात स्थिति का उद्देश्य सामान्य व्यवस्था और निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना है और उनके पास केवल एक ही उपाय 'इमरजेंसी' है.

बता दें कि चिली में पिछले दिनों मेट्रो का किराया बढ़ाया गया था जिसके बाद लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक की पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े हैं.
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर स्कूलों और विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं. इसके कारण पूरे शहर में काफ़ी नुक़सान हुआ और हज़ारों यात्रियों को परिवहन नहीं मिला.

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स्पेन (Spain)
स्पेन यूरोप (Europe) में स्थित एक देश है, जिसकी राजधानी मद्रिद (Madrid)है. यहां पर 9 लोकतांत्रिक समर्थक नेताओं को देश द्रोह के आरोप में सजा सुनाए जाने के विरोध में लोग सड़क पर उतर आए हैं. बता दें कि इन नेताओं को 13 वर्ष की कैद की सजा हुई है. इसी के विरोध में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने शानिवार को रात को एक फायरब्रिगेड पर हमला कर दिया.

स्पेन में प्रदर्शन इतना हिंसक था कि पुलिस को प्रदर्शन कारियों को खदेड़ने के लिए रबर की गोलियों का प्रयोग करना पड़ा. बार्सिलोना पुलिस अब रबर की गोलियों और वाटर कैनन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों पर कर रही है. प्रदर्शनकारियों ने कैटेलोनिया में नेशनल पुलिस के ऑफिस के बाहर शनिवार को कचरे और कई सजावटी सामानों को इकठ्ठा कर उसमें आग लगा दी. इसी आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को आना पड़ा, गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी को भी आग लगा दिया. जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने सामने आ गए. अब तक यहां 180 लोग घायल हो चुके हैं, वहीं पुलिस ने करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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स्पेन के कार्यवाहक प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा है कि लॉ सबके लिए एक है और क्लियर है. जो लोग कानून को अपने हाथ में लेगें उन्हे जवाब देना होगा. बता दें कि 2017 में रेफरेंडम कराने के आरोप में स्पेन की शीर्ष अदालत ने 9 लोकतांत्र समर्थक नेताओं को देशद्रोह का आरोपी मानते हुए 13 साल की सजा सुनाई है.

लेबनान (Lebanon)
लेबनान मीडिल इस्ट का एक देश है, इस देश की राजधानी बेरुत (Beirut) है. लेबनान में भी लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. दरअसल, लेबनान सरकार ने व्हाट्सएप कॉल (Whats APP Call) पर कर लगा दिया जिसके विरोध में लोग प्रदर्शन करने लगे. इस फैसले की बात सामने आते ही लोग भड़क गए और शुक्रवार को देश में हिंसक प्रदर्शन किए गए. अंतत: सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना पड़ा.

गुस्साए दर्शनकारियों ने सड़कों पर टायर फूंके. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. सरकार की ओर से ये फैसला खराब आर्थिक हालत से निपटने के लिए लिया गया था.

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पिछले कुछ साल में राजनीतिक अस्थिरता की वजह से लेबनान की विकास दर में लगातार गिरावट आ रही है. पड़ोसी देश सीरिया के साथ आठ साल तक चले युद्ध के चलते हालात और बिगड़ गए हैं. देश में कर्ज सकल घरेलू उत्पाद का 150 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसी वजह से सरकार ने ऐसा फैसला लिया था लेकिन ये फैसला लोगों को पसंद नहीं आया और लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए थें.

आपको बता दें कि लेबनान सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि व्हाट्सएप, फेसबुक और एपल फेस टाइम जैसे एप के जरिए किए जाने वाले कॉल पर रोजाना टैक्स लगा दिया. इसके जरिए कॉल करने वालों को रोजाना करीब 14.50 रुपए के बराबर कर देना पड़ता, लेकिन सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों के कुछ घंटे बाद ही सरकार ने इस फैसले को वापस ले लिया.