पड़ोस में खतरनाक विचारधारा के साथ हिंसक संघर्ष की संभावनाएं बढ़ रही हैं : पाकिस्तान
पड़ोस में खतरनाक विचारधारा के साथ हिंसक संघर्ष की संभावनाएं बढ़ रही हैं : पाकिस्तान
नई दिल्ली:
पाकिस्तान ने कहा है कि लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवादों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जो सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, खासकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर, जहां भारत द्वारा कथित संघर्ष विराम उल्लंघन से क्षेत्रीय स्थिरता के खतरे में पड़ने के साथ ही नागरिकों के जीवन और संपत्ति को भी खतरा है।पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में कहा, एक प्रतिगामी और खतरनाक विचारधारा के साथ हमारे तत्काल पड़ोस में सामूहिक अंत:करण की चपेट में आने से हिंसक संघर्ष की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
इसमें कहा गया है, एक जानबूझकर नीति विकल्प के रूप में विरोधी द्वारा बल के उपयोग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान किसी भी सैन्य दुस्साहस के जवाब में अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हथियारों की होड़ में शामिल हुए बिना हमारे सशस्त्र बलों के निरंतर आधुनिकीकरण में चतुर निवेश के माध्यम से आवश्यक पारंपरिक क्षमताओं को सुनिश्चित किया जाएगा।
दस्तावेज में आगे कहा गया है, भारत के परमाणु त्रय का विस्तार, परमाणु नीति पर खुला बयान और निवेश और अस्थिर करने वाली प्रौद्योगिकियों की शुरूआत इस क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ती है। पाकिस्तान का प्रतिरोध शासन क्षेत्रीय शांति के लिए महत्वपूर्ण है और यही इसका उद्देश्य है।
पाकिस्तान ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में आगे कहा गया है, पाकिस्तान की बेशकीमती भू-आर्थिक स्थिति दक्षिण और मध्य एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के लिए उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी के माध्यम से एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।
इसमें कहा गया है, पश्चिम की ओर कनेक्टिविटी भी अफगानिस्तान में क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान के निरंतर दबाव के लिए एक महत्वपूर्ण चालक है, जो कि अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्व की ओर कनेक्टिविटी भारत के प्रतिगामी ²ष्टिकोण के लिए बंधक है।
नीति दस्तावेज के अनुसार पाकिस्तान को एक इस्लामी कल्याणकारी राष्ट्र के रूप में देखा गया है।
इसने कहा है, आर्थिक सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा के मूल तत्व के रूप में रखकर पाकिस्तान के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की सर्वोत्तम सेवा की जाती है। अगले दशक में देश की सुरक्षा अनिवार्यता राष्ट्रीय एकता, क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक सुरक्षा और नागरिक कल्याण सुनिश्चित करते हुए इसकी आर्थिक क्षमता को महसूस करने की आवश्यकता से प्रेरित होगी।
दस्तावेज के अनुसार, स्थायी और समावेशी आर्थिक विकास जो पाकिस्तान के वैश्विक आर्थिक पदचिह्न् का विस्तार करता है, बाहरी आर्थिक निर्भरता को कम करता है और पाकिस्तान को अपने परिणामी आर्थिक दबदबे का बेहतर लाभ उठाने की अनुमति देता है। इसके अलावा ये यह भी सुनिश्चित करेगा कि हमारी पारंपरिक सुरक्षा आवश्यकताओं को पर्याप्त रूप से पुनर्जीवित किया जाए।
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