चक्रवाती तूफानों से निपटने के मौसम विभाग के कारगर तंत्र को देखने भारत आएंगे प्रिंस चार्ल्स
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने प्रिंस चार्ल्स के यहां स्थित मौसम भवन आने की योजना की पुष्टि करते हुये बताया कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी भारतीय मौसम विभाग की चक्रवात पूर्वानुमान प्रणाली के सटीक अनुमान और समन्वय तंत्र की सराहना की है
दिल्ली:
पिछले एक साल के दौरान भारत में विभिन्न चक्रवाती तूफानों के आने का समय और उनकी तीव्रता के बारे मौसम विभाग के सटीक अनुमान और जानमाल के नुकसान को न्यूनतम करने में विभिन्न एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल के तंत्र से ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स रूबरू होंगे. 13 नवंबर को दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंच रहे प्रिंस चार्ल्स यहां स्थित मौसम भवन जाएंगे और चक्रवाती तूफानों से निपटने के प्रभावी तंत्र के बारे में जानकारी हासिल करेंगे.
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मौसम विभाग के एक अधिकारी ने प्रिंस चार्ल्स के यहां स्थित मौसम भवन आने की योजना की पुष्टि करते हुये बताया कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी भारतीय मौसम विभाग की चक्रवात पूर्वानुमान प्रणाली के सटीक अनुमान और समन्वय तंत्र की सराहना की है. पिछले साल केरल में आये भीषण चक्रवाती तूफान ओखी के बाद पिछले एक साल में छह चक्रवाती तूफान भारतीय समुद्री तटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं. हाल ही में पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने वाले चक्रवाती तूफान ‘बुलबुल’ और इसके पहले ‘महा’, ‘फोनी’, ‘वायु’, ‘हिक्का’ और ‘क्यार’ ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में दस्तक दी है.
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अधिकारी ने बताया कि प्रिंस चार्ल्स मौसम विभाग की चक्रवात इकाई के निगरानी एवं नियंत्रण केन्द्र का दौरा करेंगे. इस दौरान वह अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित पूर्वानुमान एवं समन्वय तंत्र की कार्यप्रणाली का जायजा लेंगे. उल्लेखनीय है कि अरब सागर में 117 साल बाद एक एक कर, लगातार चार चक्रवाती तूफानों ने दस्तक दी है। मौसम विभाग पांच दिन पहले ही इनके सटीक पूर्वानुमान के आधार पर संबद्ध क्षेत्रों को चेतावनी जारी कर देता है. इसके अलावा ‘नाउ कास्ट’ प्रणाली के माध्यम से तूफान की सक्रियता और गतिविधि की नियमित तौर पर तात्कालिक जानकारी भी दी जाती है. इसकी मदद से आपदा प्रबंधन, राज्य और केंद्र सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय क़ायम कर प्राकृतिक आपदा से जानमाल के नुक़सान को न्यूनतम किया जाता है.
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