logo-image

नेपाल के शिक्षा मंत्री की मनमानी पर प्रधानमंत्री ओली का ब्रेक, भारत से संबंधित विवादास्पद किताब पर रोक

नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने बिना प्रधानमंत्री की जानकारी और स्वीकृति के ही भारत के साथ विवादित भूमि और नक़्शे को प्रकाशित करवा दिया था.

Updated on: 24 Sep 2020, 12:21 PM

नई दिल्ली:

नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने बिना प्रधानमंत्री की जानकारी और स्वीकृति के ही भारत के साथ विवादित भूमि और नक़्शे को प्रकाशित करवा दिया था. इस संबंध में मीडिया में खबर आने के बाद प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कैबिनेट बैठक के दौरान ही मंत्री को फटकार लगाई और ऐसे विवादित पाठ्य पुस्तकों के वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है. प्रधानमंत्री ओली के निर्देशन के बाद ही विवादित पाठ्य पुस्तकों के बिक्री वितरण पर रोक लगाने की जानकारी खुद नेपाल के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने दी है.

यह भी पढ़ें: Rafale के ऑफसेट वादे पर मोदी सरकार पर हमला, कांग्रेस बोली- 'सही थे आरोप'

अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पोखरेल ने साफ़ साफ़ कहा कि कैबिनेट बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने इस पाठ्य पुस्तक पर रोक लगाने का निर्देशन दिया जिसके बाद इस पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. इतना ही नहीं शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने इस बारे में मेरे अलावा विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली और भूमि सुधार मंत्री पदमा अर्याल को संयुक्त रूप से लिखित स्पष्टीकरण भी देने को कहा है. उन्होंने कहा कि तीनों मंत्री आपस में बातचीत कर जल्द ही पीएम ओली को इस बारे में अपनी रिपोर्ट देने वाले हैं.

यह भी पढ़ें: Rafale सौदे पर घिरी मोदी सरकार, CAG रिपोर्ट में ऑफसेट पर सवाल

प्रचण्ड के करीबी रहे माओवादी नेता जो कि इस समय शिक्षा मंत्री भी हैं, उन्होंने भारत के साथ हुए सीमा विवाद और नए नक़्शे को भी प्रकाशित करने को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री ओली नाराज बताए जा रहे हैं. विवादित पाठ्य पुस्तक में कई विवादित बातों को रखा गया और कई जगह गैर कूटनीतिक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है. प्रधानमंत्री निकट सूत्रों से पता चला है कि इस समय भारत के साथ अपने संबंधों को सुधारने में लगे नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली इस समय कुछ भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाह रहे हैं जिससे दोनों देशों के रिश्तों में एक बार फिर से तल्खी आए.