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प्रधानमंत्री ओली ने अपने मंत्रियों से कह दी ये बड़ी बात, ले सकते हैं ये बड़ा फैसला

शनिवार की शाम को राष्ट्रपति से मुलाक़ात के बाद अपने निवास में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को एक साथ बुलाकर ओली ने कहा कि अब एक साथ रहना असंभव हो गया है.

Updated on: 04 Jul 2020, 10:36 PM

नई दिल्ली:

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्यूनिष्ट पार्टी में विभाजन होना लगभग तय हो गया है. इस बात का खुलासा खुद प्रधानमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष के पी शर्मा ओली ने किया. शनिवार की शाम को राष्ट्रपति से मुलाक़ात के बाद अपने निवास में सभी कैबिनेट और राज्य मंत्रियों को एक साथ बुलाकर ओली ने कहा कि अब एक साथ रहना असंभव हो गया है. मंत्रियों को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि उस पार्टी में अब एक साथ रहने का कोई मतलब नहीं है जिस पार्टी के नेता अपने ही प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगे और अपनी ही पार्टी के तरफ से चुने गए राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने की गुपचुप तैयारी करे.

ओली ने अपने मंत्रियों से कहा कि वो ना तो प्रधानमंत्री का पद छोड़ने वाले हैं और ना ही पार्टी की अध्यक्ष की जिम्मेवारी छोड़ने वाले हैं. ओली ने आने वाले 24 घंटे के भीतर कोई बड़ा फैसला लेने की जानकारी देते हुए कहा कि आपको तय करना है की आप मेरे साथ हैं या मेरे विरोध में हैं. ओली ने बताया कि वो अंतिम समय तक भी कोशिश करते रहे कि पार्टी में विभाजन नहीं आए लेकिन अब ऐसे नेताओं के साथ काम करना नामुमकिन हो गया है जो अपने ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के खिलाफ षड्यंत्र करें.

9 में से 6 सदस्यों ने की थी अलग बैठक
इसके पहले नेपाल की सत्तारूढ़ दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी की सबसे पावरफुल इकाई सचिवालय समिति के 9 में से 6 सदस्य ने आज अलग से बैठक कर प्रधानमंत्री को सोमवार तक इस्तीफा देने का अल्टिमेटम दिया है. ओली के विरोध में रहे पुष्प कमल दहाल प्रचण्ड, वरिष्ठ नेता माधव नेपाल और झलनाथ खनाल, पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम, ओली कैबिनेट में गृह मंत्री रहे रामबहादुर थापा और पार्टी के प्रवक्ता समेत रहे नारायण काजी श्रेष्ठ ने आज अलग से बैठक की थी.

पार्टी का फैसला ही सर्वोपरि होगा
इस बैठक मे सोमवार को होने वाले स्थाई समिति की बैठक को अब नहीं रोकने और प्रधानमंत्री को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा गया है. इस बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि पार्टी की स्थायी समिति की बैठक से जो भी फैसला होगा वो सबको मानना ही होगा क्योंकि पार्टी ही सर्वोपरि है. इसलिए अब ना तो बैठक स्थगित किया जाएगा और ना ही अब और अधिक इन्तजार किया जाएगा.