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पीएम मोदी और बाइडेन की व्हाइट हाउस में बैठक( Photo Credit : TWITTER HANDLE)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अपने अमेरिकी दौरे के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की. यह मुलाकात शुक्रवार रात आठ बजे से शुरू होकर करीब एक घंटे चली. दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच होने वाली इस पहली मुलाकात पर पूरी दुनिया की नज़र टिकी रही. इस बीच चीन दोनों नेताओं के बीच होने वाली इस मुलाकात से काफी तिलमिला हुआ है. चीन ने वाशिंगटन में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्वाड शिखर सम्मेलन पर निशाना साधा है. चीन ने कहा कि अब इसकी कोई प्रसांगिकता नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुलाकात में जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और व्यापार पर बातचीत हुई. पीएम मोदी और बाइडेन ने एक दूसरे की काफी तारीफ की और दोनों देशों की मित्रता को समय की जरूरत बताया. इस बीच अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस ने आतंकवाद पर ट्वीट कर आतंकवादियों से सख्ती से निपटने का संदेश दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट कर इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताया. और बाइडेन और हैरिस की जोड़ी को विश्व के लिए नया संदेश देने वाला कहा.
Had an outstanding meeting with @POTUS@JoeBiden. His leadership on critical global issues is commendable. We discussed how India and USA will further scale-up cooperation in different spheres and work together to overcome key challenges like COVID-19 and climate change. pic.twitter.com/nnSVE5OSdL
— Narendra Modi (@narendramodi) September 24, 2021
आपको बता दें कि इससे पहले भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के अनुसार, अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि वह पाकिस्तान से आतंकवाद पर कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कह रही हैं कि आतंकी समूह नई दिल्ली या वाशिंगटन को निशाना न बनाएं. उन्होंने कहा कि जब गुरुवार को उनकी बैठक के दौरान आतंकवाद के मुद्दे सामने आए, तो "उपराष्ट्रपति ने उस संबंध में पाकिस्तान की भूमिका का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि वे आतंकवादी समूह थे जो वहां काम कर रहे थे। उन्होंने पाकिस्तान से कार्रवाई करने के लिए कहा ताकि ये समूह अमेरिकी सुरक्षा और भारत की सुरक्षा को प्रभावित नहीं कर सकें." श्रृंगला ने जोर देकर कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद के तथ्य पर प्रधानमंत्री की ब्रीफिंग से सहमत हैं, और इस तथ्य से भी सहमत हैं कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है, और इस तरह के आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के समर्थन पर लगाम लगाने और बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है.
Source : News Nation Bureau