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प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना के बीच आज शिखर वार्ता, कई अहम मुद्दों पर होगी द्विपक्षीय चर्चा

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डिजिटल शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

Updated on: 17 Dec 2020, 07:41 AM

नई दिल्ली/ढाका:

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज डिजिटल शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा करेंगे. दोनों नेताओं के बीच वार्ता के केंद्र में कोविड-19 के बाद सहयोग को और मजबूत बनाना भी होगा. शिखर बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है. शिखर सम्मेलन के दौरान साझी नदियों में जल बंटवारे पर प्रमुखता से चर्चा होने की भी संभावना है.

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दोनों नेता पुराने रेल मार्ग (चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल मार्ग) को 55 वर्षों बाद पुन: खोले जाने के गवाह भी बनेंगे. इसे 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान बंद कर दिया गया था और उस समय बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था. रेल मार्ग कूचबिहार और बांग्लादेश के चिलाहाटी को जोड़ेगा.  इसके अलावा बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में दोनों प्रधानमंत्री एक स्मारक डाक टिकट जारी कर सकते हैं.

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए के अब्दुल मोमेन का कहना है कि डिजिटल बैठक के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में करीब 9 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. मोमेन ने कहा कि ढाका सभी बड़े द्विपक्षीय मुद्दों को उठाएगा, जिनमें जल बंटवारा, कोविड-19 सहयोग, सीमा पर जान जाना, व्यवसाय में असंतुलन, संपर्क मार्ग और रोहिंग्या मुद्दे भी शामिल हैं. मोमेन ने कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान साझी नदियों में जल बंटवारे पर प्रमुखता से चर्चा होगी.

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बांग्लादेश के विदेश मंत्री के मुताबिक, ढाका, सीमा पार बहने वाली सात बड़ी नदियों मोनू, मुहुरी, गोमती, धराला, दूधकुमार, फेनी और तीस्ता के मुद्दे को एक ही फ्रेमवर्क में लाने की मांग करेगा, इसके अलावा शिखर सम्मेलन के दौरान कोविड-19 महामारी पर द्विपक्षीय सहयोग शीर्ष एजेंडा में शामिल होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि भारत ने हमसे वादा किया है कि वे कोविड-19 का टीका सबसे पहले बांग्लादेश को देंगे. बता दें कि बांग्लादेश की बेक्सिमो फार्मा ने पांच नवंबर को भारत के सीरम इंस्टीट्यूट से कोविड-19 का तीन करोड़ टीका आपूर्ति करने के लिए समझौता किया था.

विदेश मंत्री मोमेन ने कहा कि बांग्लादेश रोहिंग्या संकट के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत के समर्थन की मांग करेगा. भारत अगले महीने अस्थायी सदस्य के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत के सीमा सुरक्षा बल की कार्रवाई पर भी चिंता जताएगा, जिससे सीमावर्ती इलाकों में इसके नागरिकों की जान जाती है.

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गौरतलब है कि बांग्लादेश साल 202-21 को अपने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर ‘मुजीब वर्ष’ के रूप में मना रहा है. पिछले कुछ वर्षों में भारत और बांग्लादेश के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं. दोनों देशों ने सम्पर्क एवं आधारभूत ढांचे से जुड़ी अनेक परियोजनाओं को लागू करने के अलावा कारोबार और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाया है.