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The Pope Answers: सेक्स एक 'खूबसूरत चीज' है, गर्भपात और यौन शोषण पर क्या बोल गए पोप...

एलजीबीटी अधिकारों, गर्भपात, पोर्न इंडस्ट्री, सेक्स, धार्मिक विश्वास और कैथोलिक चर्च के भीतर यौन शोषण सहित कई विषयों पर नौजवान पीढ़ी ने पोप फ्रांसिस से जमकर सवाल दागे. बीते साल फिल्माई गई इस डॉक्यूमेंट्री को अब रिलीज किया गया है.

Updated on: 06 Apr 2023, 01:47 PM

highlights

  • डिज़नी प्लस ने तैयार की डॉक्यूमेंट्री 'द पोप आंसर्स'
  • 10 लोगों से बातचीत में पोप ने दिए बेबाक जवाब
  • एलजीबीटी का चर्च द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए

वेटिकन सिटी:

पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने बुधवार को जारी एक वृत्तचित्र में सेक्स की प्रशंसा करते हुए इसे ईश्वर (God) द्वारा मनुष्य को दी गई खूबसूरत चीजों में से एक बताया है. ईसाईयों के सबसे बड़े धर्म गुरु 86 वर्षीय पोप फ्रांसिस ने डिज़नी प्लस द्वारा तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री 'द पोप आंसर्स' में उक्त टिप्पणी की. इसके लिए उन्होंने पिछले साल रोम में 20 के वय में चल रही नौजवान पीढ़ी के 10 लोगों के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान पोप फ्रांसिस से एलजीबीटी (LGBT) अधिकारों, गर्भपात, पोर्न इंडस्ट्री, सेक्स, धार्मिक विश्वास और कैथोलिक चर्च के भीतर यौन शोषण सहित कई विषयों पर नौजवान पीढ़ी ने जमकर सवाल दागे. बीते साल फिल्माई गई इस डॉक्यूमेंट्री को अब रिलीज किया गया है. 

यौन रूप से व्यक्त करना संतुष्टि देने वाली समृद्धि
डिज़नी प्लस के लिए फिल्माई गई इस डॉक्यूमेंट्री में पोप फ्रांसिस ने कहा, 'सेक्स उन खूबसूरत चीजों में से एक है, जो भगवान ने इंसान को दी है. खुद को यौन रूप से व्यक्त करना एक संतुष्टि देने वाली समृद्धि है.' हस्तमैथुन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'जो कुछ भी वास्तविक यौन अभिव्यक्ति से अलग होता है वह आपको कमतर बनाता है और इस समृद्धि को कम करता है.' पोप फ्रांसिस से यह भी पूछा गया कि क्या वह नॉन बाइनरी शख्स से परिचित हैं, इस पर पोप ने सहमति जताते हुए उत्तर दिया. उन्होंने दोहराया कि एलजीबीटी लोगों का कैथोलिक चर्च द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए.

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गर्भपात की प्रथा अस्वीकार्य
उन्होंने कहा, 'सभी व्यक्ति ईश्वर की संतान हैं, मेरा आशय सभी व्यक्तियों से है. ईश्वर किसी को भी अस्वीकार नहीं करता. ईश्वर एक पिता है और मुझे चर्च से किसी को निकालने का कोई अधिकार नहीं है.' गर्भपात पर फ्रांसिस ने कहा कि पुजारियों को गर्भपात कराने वाली महिलाओं के प्रति दयालु होना चाहिए. इसके साथ ही पोप ने यह भी जोड़ा कि गर्भपात की यह प्रथा अस्वीकार्य है. उन्होंने आगे कहा, 'चीजों को उनके नाम से बुलाना अच्छा है. जिस महिला ने गर्भपात कराया है उसका साथ देना एक बात है और इस कृत्य को सही ठहराना दूसरी बात है.' गौरतलब है कि पोप की टिप्पणियों को वैटिकन के आधिकारिक समाचार पत्र 'लोसरवाटोर रोमानो' में प्रकाशित किया गया था, जिसमें युवा लोगों के साथ उनकी बातचीत को 'खुले और ईमानदार संवाद' के रूप में वर्णित किया गया.