जापान में संसद के उच्च सदन के लिए मतदान, सत्ताधारी गठबंधन को मिला बहुमत
एग्जिट पोलों से संकेत मिल रहे हैं कि आबे संवैधानिक संशोधनों के लिए जरूरी बहुमत प्राप्त करने के करीब जा सकते हैं.
नई दिल्ली:
जापान की संसद के उच्च सदन के लिए रविवार को वोट डाले गए, जिसमें प्रधानमंत्री शिंजो आबे (64) के सत्ताधारी गठबंधन को बहुमत प्राप्त हुआ. सरकारी टीवी सहित मीडिया के अन्य हिस्सों से यह जानकारी मिली है. एग्जिट पोलों से संकेत मिल रहे हैं कि आबे संवैधानिक संशोधनों के लिए जरूरी बहुमत प्राप्त करने के करीब जा सकते हैं. एनएचके पब्लिक टेलीविजन ने कहा कि आबे की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और उसकी कनिष्ठ सहयोगी कोमितो को दो घंटे की मतगणना के बाद उच्च सदन में 64 सीटों पर जीत मिल चुकी है. यदि सत्ताधारी गठबंधन कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों एवं निर्दलियों सांसदों का समर्थन जुटाने में कामयाब रहा तो संवैधानिक पुनरीक्षण के लिए जरूरी दो-तिहाई बहुमत प्राप्त हो सकता है.
जापान की संसद के उच्च सदन की 124 सीटों के लिए मतदान हुआ है. उच्च सदन ‘हाउस ऑफ काउंसिलर्स’ में कुल 245 सीटें हैं, जिनमें से करीब आधे का चुनाव हर तीन साल पर किया जाता है. उच्च सदन प्रधानमंत्री का चुनाव नहीं करता. दो-तिहाई बहुमत यानी 164 सीटें प्राप्त करने के लिए आबे के गठबंधन को 85 अन्य सीटों की जरूरत होगी. सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री पद पर रहने का कीर्तिमान रचने की कगार पर पहुंच चुके आबे को अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता और इस साल के अंत में उपभोग कर में होने जा रहे इजाफे से पहले अपना जनादेश और भी मजबूत होने की उम्मीद है. ओपिनियन पोलों से भी संकेत मिले कि आबे की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) और उसके गठबंधन साझेदार कोमितो को बहुमत मिलने की संभावना है. माना जा रहा है कि लचर विपक्ष के कारण आबे के पक्ष में ऐसे नतीजे आने का अनुमान है.
रविवार को संसद के उच्च सदन ‘हाउस ऑफ काउंसिलर्स’ की करीब 50 फीसदी सीटों के लिए मतदान हुआ. संसद का उच्च सदन निचले सदन की तुलना में कम ताकतवर है. पूरे देश में सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ. रात आठ बजे मतदान खत्म होने के कुछ ही देर बाद चुनाव परिणाम साफ हो जाने की संभावना है. चुनावी सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों का मानना है कि इस बार मतदान 50 फीसदी से कम होने की संभावना है, जो सामान्य से काफी कम है. पेशे से ब्यूटी थेरेपिस्ट योशिको लिडा (45) ने कहा, ‘‘मैं मौजूदा सरकार का समर्थन करती हूं क्योंकि मुझे कोई विकल्प नजर नहीं आता. विपक्षी पार्टियां काफी निराश करने वाली हैं.’’ पेंशनधारी सुसुमू रोक्ककू (85) ने कहा, ‘‘मैंने एक विपक्षी उम्मीदवार को वोट दिया, लेकिन चाहे कोई भी जीत जाए, कुछ बदलने वाला नहीं है. मेरी कोई अपेक्षाएं नहीं हैं.’’
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