अमेरिका की यात्रा पर गए कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि ध्रुवीकरण की राजनीति भारत और समाज के कुछ वर्गों के लिये सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा अल्पसंख्यक और आदिवासी खुद को बीजेपी की सोच का हिस्सा नहीं मानते हैं।
राहुल ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, '21वीं सदी में अगर आप अपनी विचारधारा से कुछ लोगों को अलग रखते हैं तो आप अपने लिये परेशानी बुला रहे हैं। नए विचार आएंगे, नई सोच भी विकसित होगी।'
उन्होंने कहा, 'मेरे लिये भारत के लिये सबसे बड़ी चुनौती ध्रुवीकरण है जहां आप एक समुदाय को दूसरे समुदाय से लड़ाते हैं और उनके बीच खाई बढ़ाते हो।'
उन्होंने कहा कि 10 करोड़ की आदिवासी हैं जो बीजेपी की विचारधारा से सहमत नहीं हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'अल्पसंख्यक समुदाय है जो खुद को उस विचारधारा का हिस्सा नहीं मानता है। यहीं पर सबसे बड़ा खतरा पैदा होता है।'
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ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो भारत की सबसे बड़ी ताकत ये रही है कि उसने लोगों को अपनाया है और उन्हें अपने वातावरण में पनपने का मौका दिया है।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यही है जिसे चुनौती मिल रही है। जो तारतम्य है उसे बिगाड़ा जा रहा है जो खतरनाक है।'
उन्होंने कहा, 'भारत के पड़ोसी हमारे हितैषी नहीं हैं ऐसे में अगर हम अपस में दरार पैदा करेंगे तो उन्हें हमारे साथ गड़बडड़ करने का मौका मिलेगा।'
उन्होंने कहा कि भारत हर किसी को साथ लेकर चला है। सभी को ऐसा लगना चाहिये कि वो भारत के भविष्य का हिस्सा है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'इस मसले को अदालत पर छोड़ देना चाहिये। मुझे उनपर विश्वास है। वो सही फैसला लेंगे।'
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Source : News Nation Bureau