वॉशिंगटन में इंस्टीट्यूट फॉर गिलगित-बाल्टिस्तान स्टडीज के निदेशक ने कहा, पाकिस्तान स्थानीय लोगों के साथ फूट डालो और राज करो का व्यवहार किया है. उन्होंने कहा, गिलगित-बाल्टिस्तान पर नियंत्रण और शासन करने का पाकिस्तान को कानूनी अधिकार नहीं है, यह भारत का एक संवैधानिक हिस्सा है.
बता दें भारत के अभिन्न हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है. इससे पहले ब्रिटिश संसद ने भी इसकी पुष्टि कर दी चुका है. ब्रिटेन की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे को अवैध बताया है. ब्रिटिश संसद में पारित प्रस्ताव में कहा गया कि गिलगित-बाल्टिस्तान जम्मू एवं कश्मीर का अभिन्न हिस्सा है.
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: ED ने आतंकी फंडिंग मामले में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकियों की 13 संपत्तियां जब्त की
पाकिस्तान 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान समेत PoK पर अवैध कब्जा कर रखा है. 1947 में विभाजन के समय यह क्षेत्र जम्मू एवं कश्मीर की तरह न तो भारत का हिस्सा था और न ही पाकिस्तान का. 1935 में ब्रिटेन ने इस हिस्से को गिलगित एजेंसी को 60 साल के लिए लीज पर दिया था, लेकिन इस लीज को एक अगस्त 1947 को रद्द करके क्षेत्र को जम्मू एवं कश्मीर के महाराजा हरि सिंह को लौटा दिया गया.
Source : News Nation Bureau