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PNB घोटाला: नीरव मोदी पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, लंदन कोर्ट ने जारी किया अरेस्ट वारंट

लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. अदालत ने भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर यह वारंट जारी किया है.

Updated on: 18 Mar 2019, 09:11 PM

लंदन:

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर देश से फरार हुए हीरा कारोबारी नीरव मोदी जल्द गिरफ्तार हो सकता है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. अदालत ने भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर यह वारंट जारी किया है और पुलिस उसे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. कुछ दिनों पहले ही ईडी ने कहा था कि ब्रिटिश गृह विभाग ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण से जुड़े भारत के अनुरोध को एक अदालत के पास भेज दिया, ताकि इस संबंध में कानूनी कार्रवाई हो सके.

भारत ने ब्रिटेन सरकार से पिछले साल अगस्त में ही उसके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया था. नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बावजूद वह लंदन में रह रहा है. नीरव का पासपोर्ट फरवरी 2018 में रद्द कर दिया गया था.

हाल ही में नीरव मोदी के प्रत्यक्ष रूप से लंदन में होने की बात सामने आई थी, जहां वह कई महीनों से रह रहा है. अंग्रेजी अखबार 'द टेलीग्राफ' द्वारा जारी वीडियो में नीरव मोदी मूंछों और लंबे बालों के साथ अलग लुक के साथ लंदन की सड़कों पर चहलकदमी करते नजर आ रहा था. वीडियो में नीरव मोदी हर सवाल से बचता और 'नो कमेंट' कहता नजर आ रहा है.

द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में आगे कहा गया था कि नीरव मोदी लंदन के वेस्ट एंड इलाके में रह रहा है और यहां तक कि उसने हीरे का नया कारोबार भी शुरू कर लिया है. इससे पहले नीरव मोदी के न्यूयॉर्क, हांगकांग व दुनिया के अन्य हिस्से में देखे जाने के बाद से उसके ठिकाने के बारे में रहस्य बना हुआ था.

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नीरव पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का भंडाफोड़ होने से कुछ दिनों पहले जनवरी, 2018 में फरार हो गया था. यहां तक कि जांचकर्ताओं ने जब पीएनबी मामले की जांच की तो पता चला कि नीरव मोदी व उसके मामा मेहुल चोकसी ने 'लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग' का इस्तेमाल कर पीएनबी से 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में जारी जांच के सिलसिले में 26 फरवरी को नीरव मोदी और उसकी सहयोगी कंपनियों की 147 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं.