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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम (Bloomberg Global Business Forum) में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) पर पूछे गए सवालों के एक जवाब में कहा, "मैं सोशल मीडिया (Social Media) पर लंबे वक्त से सक्रिय रहा हूं और मुझे इसके फायदे भी मिले हैं. अगर ऐसे में मुझे दूर दराज के गांव की कोई घटना पता चलती है तो मैं उस पर बयान देने की बजाए अपनी सरकार को उस मुद्दे पर एक्शन में लाता हूं."
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि एक बार जब उनके राज्य गुजरात में बाढ़ (Flood) आई तो उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए इसके प्रति जागरुकता के मैसेज लोगों को दिए. उस वक्त देसी भाषाओं में मैसेज की सुविधा उतनी नहीं थी, ऐसे में उन्होंने रोमन में लिखकर लोगों को अपने मैसेज दिए और इसका अच्छा प्रभाव पड़ा. पीएम ने बताया, इससे बहुत से पशुओं और लोगों को मरने से बचाया जा सका.
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मीडिया (Media) के नकारात्मक अैर सकारात्मक प्रभावों के बारे में पूछे गए सवालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कंधार विमान हाईजैकिंग की घटना के जरिए समझाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यह घटना हुई उस समय नया-नया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया था. हाईजैकिंग में बंधक बनाए गए लोगों की कहानी को बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया गया. इसके चलते आतंकियों के हौसले बढ़े और सरकार पर आतंकियों की मांगें मानने का दबाव बढ़ा.
Addressing the #BloombergGBF. Watch. @businesshttps://t.co/RdJKRn53oP
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2019
मीडिया के लोगों को नसीहत
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वीकार किया कि मीडिया में कॉम्पीटशन के माहौल में जल्दी और चटपटी ख़बरें देने का कॉम्पटीशन भी बढ़ा है, लेकिन फेक न्यूज (Fake News) लोगों को प्रभावित न कर सकें, ऐसे में 15 मिनट से आधा घंटे का डेली कार्यक्रम मीडिया को शुरू करना चाहिए. अगर कोई ख़बर आए तो वैरिफिकेशन की प्रक्रिया होनी चाहिए.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो