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आतंकवाद, कट्टरवाद के खिलाफ मिलकर लड़ेगा भारत-इज़राइल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश अपने रणनीतिक हितों व साइबर क्षेत्र की सुरक्षा सहित कट्टरवाद तथा आतंकवाद से निपटने को लेकर ज्यादा से ज्यादा सहयोग के लिए सहमत हैं।

Updated on: 05 Jul 2017, 11:39 PM

highlights

  • पीएम मोदी ने कहा, कट्टरवाद तथा आतंकवाद से निपटने को लेकर ज्यादा से ज्यादा सहयोग के लिए सहमत हैं
  • भारत-इज़राइल ने अंतरिक्ष, जल प्रबंधन तथा संरक्षण व कृषि सहयोग समेत सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए
  • पीएम मोदी ने मोशे से मुलाकात की, मोशे के मााता-पिता मुंबई में 26/11 हमले के दौरान मारे गए थे

नई दिल्ली:

भारत-इज़राइल ने बुधवार को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने संबंधों को और प्रगाढ़ करने का फैसला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश अपने रणनीतिक हितों व साइबर क्षेत्र की सुरक्षा सहित कट्टरवाद तथा आतंकवाद से निपटने को लेकर ज्यादा से ज्यादा सहयोग के लिए सहमत हैं।

इज़राइल के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन मेजबान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ विचार-विमर्श के बाद मोदी ने इज़राइल के पड़ोसियों के साथ नई दिल्ली के पारंपरिक संबंधों में संतुलन का आह्वान करते हुए कहा कि भारत उम्मीद जताता है कि पश्चिम एशिया में शांति, वार्ता तथा संयम बरकरार रहेगा।

मोदी इज़राइल दौरे पर हैं और उन्होंने फलस्तीन के दौरे का कार्यक्रम नहीं बनाया है। विदेश सचिव एस.जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा कि भारत फिलिस्तीन मुद्दे का वार्ता आधारित, शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है।

भारत-इज़राइल ने रणनीतिक मुद्दों पर सहमति जताने के अलावा, सात समझौतों पर हस्ताक्षर किए तथा अंतरिक्ष, जल प्रबंधन तथा संरक्षण व कृषि सहयोग में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। एक समझौता पांच साल के भीतर खर्च को लेकर प्रौद्योगिकी नवोन्मेष के लिए चार करोड़ डॉलर के कोष की स्थापना करने के लिए किया गया है।

नेतन्याहू ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात को माना है कि उनके देश आतंकवाद से प्रभावित हैं, जिसका मकसद शांति व स्थिरता को कमजोर करना है। उन्होंने कहा, 'हमने इस क्षेत्र में भी सहयोग पर सहमति जताई है।'

वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, '..आतंकवादियों व आतंकवादी संगठनों तथा उनका उत्साहवर्धन करने वालों, समर्थन करने वालों तथा वित्तीय मदद या सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराने वालों के खिलाफ कड़े उपाय किए जाने चाहिए।'

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जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर यह निष्पक्ष रूप से स्पष्ट तथा अर्थपूर्ण विवरण था और इसे तीन शब्दों -सीमा पार आतंकवाद- में पूरा करना संभव था, जिसके बारे में एक पत्रकार ने कहा कि संयुक्त बयान में यह शब्द छूट गया था।

मोदी ने कहा कि भारत तथा इज़राइल जटिल भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं। उन्होंने कहा, 'हम क्षेत्रीय शांति तथा स्थिरता को रणनीतिक खतरे से सजग हैं। भारत हिंसा तथा आतंकवाद के नफरत के प्रसार से पीड़ित है। इज़राइल भी।'

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री तथा मैंने अपने सामरिक हितों के संरक्षण के लिए और अधिक सहयोग करने पर सहमति जताई है और साइबर क्षेत्र सहित कट्टरवाद तथा आतंकवाद से निपटने में भी सहयोग करेंगे।'

मोदी ने कहा, 'हमने पश्चिम एशिया तथा विस्तृत क्षेत्र में हालात पर भी चर्चा की। भारत उम्मीद जताता है कि शांति, वार्ता व संयम बरकरार रहेगा।'

वहीं, नेतन्याहू ने कहा, 'हमने इस बात को भी माना है कि आतंकवाद हमारे देशों की शांति व स्थिरता को कमजोर करना चाहता है। इस क्षेत्र में भी हमने सहयोग के लिए सहमति जताई है।'

मोदी ने कहा कि उनके तथा नेतन्याहू के बीच फलदायी बातचीत हुई, जिस दौरान केवल द्विपक्षीय ही नहीं, बल्कि व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई, साथ ही उनका सहयोग वैश्विक शांति व स्थिरता में किस प्रकार मदद कर सकता है, इसपर भी चर्चा हुई।

उन्होंने कहा, 'हमारा मकसद एक ऐसा रिश्ता बनाना है, जिसमें हमारी साझा प्राथमिकताओं की झलक हो तथा हमारे देश के लोगों के बीच संबंधों को और टिकाऊ करे।'

उन्होंने कहा, 'इस तरह के प्रयासों में दोनों पक्षों को व्यापार को प्राथमिकता देनी चाहिए। कल सीईओ फोरम के लिए यह हमारा संदेश भी होगा।'

नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें लगता है कि भारत तथा इज़राइल आज की तारीख में हमारी दुनिया को बदल रहे हैं और हो सकता है कि यह दुनिया के हिस्से को बदल रहे हों।

उन्होंने मोशे से मुलाकात करने के लिए मोदी का शुक्रिया अदा किया, जिसके मााता-पिता मुंबई में 26/11 हमले के दौरान मारे गए थे।

वहीं, प्रेस वार्ता में जयशंकर ने कहा कि भारत तथा इज़राइल के बीच लंबे वक्त से रक्षा सहयोग है, खासकर उत्पादों के संयुक्त विकास तथा प्रौद्योगिकी के स्थानांतरण में। जयशकर अन्य भारतीय नेताओं से अलग मोदी के फिलिस्तीन दौरे पर न जाने के सवालों को टाल गए।

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