समरकंद में बोले पीएम मोदी, दुनिया के लिए SCO की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में आयोजित एससीओ समिट में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि एससीओ की भूमिका पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हो चली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज...
highlights
- प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ समिट में रखी बात
- भारत बनेगा एससीओ का अगल अध्यक्ष
- समरकंद में हो रहा एससीओ समिट का आयोजन
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में आयोजित एससीओ समिट में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि एससीओ की भूमिका पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हो चली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज एससीओ में शामिल देश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया उर्जा और खाद्य संकट से जूझ रहा है, जिसमें एससीओ देश महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि भारत स्वास्थ्य, शिक्षा, टेक्नोलॉजी की दुनिया में बेहद तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमें आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रिच करना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में बढ़ रहे स्टार्टअप और यूनिकॉर्न्स के बारे में भी बात रखी. भारत अब मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) का हब बन रहा है. भारत तकीनीकी पर जोर दे रहा है. बता दें कि इस बैठक के बाद पीएम मोदी कुछ महत्वपूर्ण नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम अहम है.
We are focussing on people-centric development model. We are supporting innovation in every sector. Today there are more than 70,000 start-ups and over 100 unicorns in our country: PM Narendra Modi at the SCO Summit in Uzbekistan's Samarkand pic.twitter.com/ziXdDq29FC
— ANI (@ANI) September 16, 2022
एससीओ से जुड़े हैं ये देश
मौजूदा समय में एससीओ के 8 पूर्णकारिक सदस्य देश हैं, जिसमें चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिज्स्तान, रूस, पाकिस्तान, तजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल है. इशके अलावा चार ऑब्जर्वेर देश हैं, जो एससीओ की सदस्यता लेने में उत्सुक हैं. इन चारों देशों में अफगानिस्तान, बेलारुस, ईरान और मंगोलिया है. वहीं, एससीओ समिट में 6 डॉयलाग पार्टनर भी शामिल हो रहे हैं, जिसमें आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की शामिल हैं.
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साल 1996 में शंघाई 5 के तौर पर हुई थी शुरुआत
बता दें कि एससीओ का पुराना नाम 'शंघाई 5' है. जो साल 1996 में गठिन किया गया था. इसे 2001 में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेश (SCO) नाम मिला. इसमें साल 2001 में उज्बेकिस्तान शामिल हुआ, तो साल 2017 में भारत और पाकिस्तान को एक साथ एंट्री मिली. आज एससीओ दुनिया के सबसे बड़े संगठनों में से है, जिसके सदस्य देशों के पास वैश्विक जीडीपी का 30 फीसदी हिस्सा है, तो दुनिया की आबादी की 40 फीसदी जनता.
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