पीएचडी और मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं: तालिबान के शिक्षामंत्री
उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि मुल्ला और तालिबान जो आज सत्ता में हैं, उनके पास पीएचडी, मास्टर डिग्री या हाईस्कूल की डिग्री नहीं है लेकिन ये लोग सबसे महान हैं. शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा है.
highlights
- तमाम ऐसे नियम लागू किए हैं, जिन पर सवाल उठ रहे हैं
- शिक्षामंत्री के बयान की जमकर हो रही है आलोचना
- अफगानिस्तान पर हो चुका है तालिबान का कब्जा
नई दिल्ली :
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अत्याचार और बर्बरता की तमाम खबरें आ रही हैं. अब तालिबान ने अपनी सरकार और मंत्रिमंडल के गठन का एलान भी कर दिया है. इसी बीच तालिबान के शिक्षा मंत्री शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर का एक बयान सामने आया है. एक वीडियो में अपने बयान में शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर ने कहा है कि पीएचडी और मास्टर डिग्री की कोई वैल्यू नहीं है. उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि मुल्ला और तालिबान जो आज सत्ता में हैं, उनके पास पीएचडी, मास्टर डिग्री या हाईस्कूल की डिग्री नहीं है लेकिन ये लोग सबसे महान हैं. शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगा है. शेख मौलवी नुरुल्ला मुनीर के बयान की लोग आलोचना कर रहे हैं. एक यूजर ने तो यहां तक लिख दिया कि शिक्षा के बारे में इस तरह के शर्मानाक विचार. ऐसे लोगों का सत्ता में होना विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिेए विनाशकारी है.
आपको बता दें कि तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा किए अभी एक महीना भी पूरा नहीं हुआ है. मंगलवार को अफगानिस्तान ने नए मंत्रिमंडल का एलान कर दिया. यह मंत्रिमंडल अब अफगानिस्तान में सरकार चलाएगा. तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने काबुल पर 15 अगस्त के बाद बयान दिया था कि अफगानिस्तान में शासन और जीवन से जुड़े सभी मामले शरिया के तहत सुलझाए जाएंगे.
शिक्षा के बात करें तो हाल ही में तमाम ऐसे नियम लागू किए गए हैं, जिन पर लोग सवाल उठा रहे हैं. बता दें कि अफगानिस्तान में 1996 से लेकर 2001 तक तालिबान का शासन रहा था. तब लड़कियों को पढ़ने का अधिकार नहीं था. इस बार तालिबान ने लड़िकयों को पढ़ने का अधिकार दिया है लेकिन यह नियम लागू कर दिया है कि स्कूल या विश्वविद्यालय में छात्राएं एवं महिला स्टाफ सिर से पैर तक कपड़े से ढककर ही पहुंचे. यही नहीं, चेहरे पर भी बुर्का या नकाब होना चाहिए. इसके अलावा छात्राओं को महिला स्टाफ ही पढ़ाएगी. यह संभव नहीं हो तो बुजुर्ग पुरुष पढ़ा सकते हैं. इसके अलावा लड़के और लड़कियां एक क्लासरूम में नहीं पढ़ेंगे. अगर ये व्यवस्था संभव नहीं हो तो क्लासरूम में बीच में पर्दे लगे रहेंगे. इन नियमों के बाद अब डिग्री को लेकर बयान आया है.
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