परवेज मुशर्रफ को फांसी की सजा होते ही जेहन में ताजा हो गई 12 अक्टूबर 1999 की वह काली रात
पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व में आर्मी ने 12 अक्टूबर 1999 को पकिस्तान में तख्ता पलट की घटना को अंजाम दिया था. सेना को तख्तापलट करने में केवल 17 घंटे लगे थे.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के तत्कालीन सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व में आर्मी ने 12 अक्टूबर 1999 को पकिस्तान में तख्ता पलट की घटना को अंजाम दिया था. सेना को तख्तापलट करने में केवल 17 घंटे लगे थे. इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी पूरी कैबिनेट को गिरफ्तार कर लिया गया था. परवेज़ मुशर्रफ श्रीलंका में थे, तब उन्हें खबर मिली थी कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ आईएसआई चीफ जनरल ज़ियाउद्दीन के साथ सेक्रेट मीटिंग कर रहे हैं. मीटिंग का मक़सद उन्हें बर्खास्त करना है. नवाज़ शरीफ मुशर्रफ परवेज़ मुशर्रफ को आर्मी चीफ के पद से हटाकर तत्कालीन आईएसआई चीफ जनरल ज़ियाउद्दीन को आर्मी चीफ बनाना चाहते थे. आईएसआई चीफ जनरल ज़ियाउद्दीन भी इसी कोशिश में थे. खबर लगते ही परवेज़ मुशर्रफ ने कोलम्बो से पीआईए की फ्लाइट पकड़ी और कराची एयरपोर्ट की तरफ रवाना हो गए. इधर इस्लामाबाद में मुशर्रफ के वफादार सैनिक रावलपिंडी की तरफ कुछ कर रहे थे. जानें उस काली रात का घटनाक्रम:
- नवाज़ ने 12 अक्टूबर की दोपहर को ही आईएसआई चीफ जनरल ज़ियाउद्दीन को नया आर्मी चीफ नियुक्त कर दिया , लेकिन सेना के ज़्यादातर सीनियर अफसरों ने जनरल ज़ियाउद्दीन का कमांड मानने से इंकार कर दिया.
- नवाज़ शरीफ और जनरल ज़ियाउद्दीन ने परवेज़ मुशर्रफ को कराची एयरपोर्ट पर लैंड करने से रोकने की कोशिश शुरू कर दी .एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल ने मुशर्रफ़ के हवाई जहाज को उतरने की इजाज़त देने से इनकार कर दिया. इसे पहले ओमान और फिर भारत डायवर्ट किया गया.
- शाम 4 बजे पीएमओ से मुशर्रफ के रिटायरमेंट का एलान कर दिया गया. इस एलान के साथ ही सेना खुलकर मुशर्रफ के समर्थन में आ गयी. सेना की 111 ब्रिगेड की 10 वीं कॉर्प्स ने इस्लामाबाद की तरफ कुछ करना शुरू कर दिया.
- सेना ने पीटीवी पर क़ब्ज़ा कर लिया और उसके सिग्नल को ब्लॉक कर दिया, नवाज़ शरीफ के घर पर लगे सुरक्षा कर्मियों से हथियार छीन लिए गए, सेना घर में घुस गयी. सेना ने नवाज़ से इस्तीफा देने और मुशर्रफ का इस्तीफा वापस लेने को कहा, लेकिन नवाज़ ने सेना की दोनों शर्तों को मानने से इंकार कर दिया. जिसके बाद सेना नवाज़ को गिरफ्तार कर एयरपोर्ट के पास बने एक गेस्ट हॉउस में ले गयी.
- मुशर्रफ का प्लेन हवा में था. प्लेन के पायलट ने शाम 6 बजकर 30 मिनट पर कराची एयरपोर्ट पर लैंडिंग की इजाज़त मांगी. एयर ट्रेफिक कंट्रोल उनके प्लेन को लैंड करने की इजाज़त नहीं दे रही थी. प्लेन में मुशर्रफ समेत 200 पैसेंजर सवार थे. प्लेन का ईंधन ख़त्म हो रहा था.
- प्लेन को सिंध प्रांत के नवाब शाह की तरफ मोड़ने को कहा गया. नवाज़ मुशर्रफ को लैंड करते ही गिरफ्तार कर लेना चाहते थे. इसके लिए नवाज़ ने अपना चार्टर्ड प्लेन और सुरक्षा कर्मी भी तैनात कर दिया था, जिन्हें मुशर्रफ को गिरफ्तार कर प्लेन के अंदर बिठाना था.
- मुशर्रफ को अंदाजा लग चुका था की नवाज़ उनके साथ क्या करने वाले हैं. मुशर्रफ के प्लेन को लैंड करने की इजाज़त नहीं मिल रही थी. मुशर्रफ ने पायलट से एयर ट्रेफिक कंट्रोल का आदेश नहीं माने को कहा और कहा कि वो कराची एयरपोर्ट के ऊपर ही चक्कर लगते रहे
- पहले ओमान और फिर भारत डायवर्ट किया गया. लेकिन बाद में मुशर्रफ़ के वफ़ादार सैनिकों ने जब कराची हवाईअड्डे को अपने कब्जे में लिया तब जाकर उनका विमान हवाई पट्टी पर उतरा. इसमें 200 लोग सवार थे और तेल लगभग ख़त्म हो चुका था. इसके घंटों बाद ही उन्होंने तख़्तापलट की घोषणा की. मुशर्रफ ने खुद भी एयर ट्रेफिक कंट्रोलर से बात की और लैंड करवाने को कहा.
- एयर ट्रेफिक कंट्रोल ने मुशर्रफ का आदेश मानने से इंकार कर दिया. मुशर्रफ समेत पीआईए में सवार 200 लोगों की जान खतरे में थी. प्लेन का ईंधन खत्म हो रहा था. सिर्फ 7 मिनट तक ही प्लेन हवा में रह सकता था. लेकिन तब तक आर्मी ने कराची एयरपोर्ट को अपने क़ब्ज़े में ले लिए और तब जाकर मुशर्रफ के प्लेन को लैंड करवाया जा सका
- मुशर्रफ को सुरक्षित एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया. सेना के अफसरों तक ये सन्देश पहुंचाया गया की पाकिस्तान पर सेना का क़ब्ज़ा हो गया है.
- सेना टीवी रेडियो स्टेशन पर क़ब्ज़ा कर चुकी थी, सभी एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग सेना के क़ब्ज़े में थे. पूरी कैबिनेट सेना के क़ब्ज़े में थी.
- रात 10 बजकर 22 मिनट पर ब्लाक किये गए टीवी सिग्नल दोबार से खोला गया और उसके कुछ पल बाद ही पूरे पाकिस्तान को खबर लग गयी की पकिस्तान में तख्ता पलट हो चुका है, नवाज़ शरीफ बर्खास्त किये जा चुके हैं. रात के 2 बजकर 50 मिनट पर पाकिस्तान के टीवी चैनल पर मुशर्रफ का रिकार्डेड मैसेज ऑन एयर किया गया.
- नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें 'अपहरण, हत्या के प्रयास, विमान अपहरण, आतंकवाद और भ्रष्टाचार करने का दोषी ठहराया गया.' सेना की अदालत द्वारा उनकी उम्रकैद को फांसी में बदले जाने की अफवाहों के बीच अमेरिका और सऊदी सरकारों ने हस्तक्षेप किया और शरीफ को कड़े वित्तीय जुर्माने और 20 साल तक राजनीति में भाग न लेने की शपथ ग्रहण करने के बाद निर्वासित होने की अनुमति मिल गई.
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