logo-image

नेपाल-चीन राजकीय भोज में नेपाली व्यंजन न होने से लोगों में गुस्सा, कहा-भारत से सीखो

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सम्मान में शनिवार शाम राजकीय भोज का आयोजन किया. लेकिन इस भोज में नेपाली व्यंजन की प्रमुखता नदारद रही.

Updated on: 14 Oct 2019, 03:00 AM

नई दिल्ली:

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सम्मान में शनिवार शाम राजकीय भोज का आयोजन किया. लेकिन इस भोज में नेपाली व्यंजन की प्रमुखता नदारद रही. भोज की शुरुआत नेपाली व्यंजन से हुआ और अंत नेपाली चाय या कॉफी से. बाकी सारे व्यंजन कांटीनेंटल थे. इसे लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया है. राजकीय भोज में नार्वेजियन सालमन, डिजान मस्टर्ड, माकरपोन चीज, कंटोनीज नूडल्स और पॉट रोस्ट लैंब-गारलिक सॉस के साथ प्रमुख रूप से पेश किया गया.

काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, विदेशी मेहमानों के सामने जहां अधिकतर देश अपने देश के व्यंजन को प्रमुखता देते हैं, वहीं शी जिनपिंग के डिनर में कांटीनेंटल व्यंजन की प्रमुखता रहने से सोशल मीडिया पर लोगों ने निराशा जाहिर की.

और पढ़ें:भागवत के बयान पर भड़के ओवैसी, बोले- भारत न कभी हिंदू राष्ट्र था, न है और न ही कभी बनेगा इंशाअल्लाह

लोगों ने कहा कि मेन्यू काफी क्लम्जी यानी अनगढ़ था. एलियन पेलियन नामक ट्वीटर हैंडल ने कहा कि उन्हें कम से कम एक मेन कोर्स नेपाली व्यंजन रखना चाहिए था.

अशोक पोखरेल ने ट्वीटर पर कहा कि 'यह किसका आइडिया था कि चाइनीज मेन्यू को रखना है? कैंटोनीज पैन फ्राइड नूडल्स से दौरे की सार्थकता खत्म हो सकती है. हेलो..सरकार प्लीज देखिए भारत सरकार ने क्या किया. उन्होंने सभी भारतीय व्यंजन ही परोसे और खासकर मालाबार मेन्यू.'

उल्लेखनीय है कि शी जिनपिंग इससे पहले दक्षिण भारत के दौरे पर थे और इस दौरान उन्हें दक्षिण भारत के प्रमुख व्यंजन रसम, युलार्थियारडू, कोझांबू और साबर परोसे गए थे.