पाकिस्तान की एक हिंदू जन प्रतिनिधि और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने अल्पसंख्यक विधेयक का विरोध कर रही राजनीतिक पार्टियों की आलोचना की है। इस विधेयक से पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण को अपराध की श्रेणी में शामिल करने की तैयारी है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत ने एक कानून बना कर जबरन धर्मांतरण को अपराध बनाने और ऐसा करने वाले को उम्रकैद की सजा देने का प्रावधान किया है। इस कानून में नाबालिग बच्चे अपना धर्म नहीं बदल सकते। ये कानून अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाया गया है।
'डॉन' अखबार के मुताबिक, धर्मांतरण की न्यूनतम उम्र 18 साल किए जाने को लेकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) पार्टी की ओर से नेशनल असेंबली के सदस्य डॉ. रमेश कुमार ने सिंध की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी सरकार की सराहना की।
रमेश कुमार ने कहा, 'किसी नाबालिग को बालिग होने पर ही ड्राइविंग लाइसेंस और वोट करने की इजाजत होती है। सिंध में कानूनी रूप से शादी की उम्र भी 18 साल ही मानी जाती है। इस कानून के बाद 18 साल के होने से पहले धर्मांतरण को अपराध समझा जाएगा।'
Source : News Nation Bureau