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सुप्रीम आदेश के बाद नवाज शरीफ ने छोड़ी कुर्सी, विपक्ष बोला- पूरा पाकिस्तान खुश है

पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को बतौर प्रधानमंत्री अयोग्य करार दिये जाने के बाद राजनीतिक विरोधियों में खुशी की लहर है।

Updated on: 28 Jul 2017, 04:57 PM

highlights

  • पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ पर चलेगा मुकदमा, शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ा
  • इमरान खान ने कहा, पूरा मुल्क आज खुशी मना रहा है, न्यायपालिका को सलाम
  • नवाज की बेटी, दामाद, दोनों बेटों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

नई दिल्ली:

पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को बतौर प्रधानमंत्री अयोग्य करार दिये जाने के बाद राजनीतिक विरोधियों में खुशी की लहर है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि पूरा मुल्क आज खुशी मना रहा है क्योंकि हमें लगता है हम भी और मुल्कों की तरह आगे बढ़ सकते हैं।

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने कहा, 'हम न्यायपालिका को सलाम करते हैं, वह हमारे हीरो हैं।'

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता कमर जमान कैरा ने कहा, 'इसमें सभी विपक्षी पार्टियों की भूमिका है, लेकिन इसका श्रेय पीटीआई और इमरान खान को जाता है, जो इस मुद्दे को अदालत लेकर गए और उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।'

जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराजुल हक ने कहा, 'हम बहुत कमजोर हैं, लेकिन 24 अगस्त, 2016 को मैं पहला याचिकाकर्ता बना। लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज हमने सर्वोच्च अदालत में सफलता हासिल की। हम सर्वोच्च अदालत, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहते हैं, जिन्होंने हमें समर्थन दिया।'

आपको बता दें की पनामागेट मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नवाज शरीफ को जीवन भर के लिए प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामले दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं। पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि शरीफ संसद और अदालत के प्रति ईमानदार नहीं रहे और वह प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पीठ ने शरीफ को जीवन भर के लिए अयोग्य करार दिया है।

कार्यान्वयन पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने कहा कि संयुक्त जांच दल (जेआईटी) द्वारा एकत्रित सभी सबूतों को छह सप्ताह के भीतर एक जवाबदेही अदालत के पास भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि मरियम नवाज (शरीफ की बेटी), कप्तान मुहम्मद सफदर (मरियम के पति), हसन और हुसैन नवाज (प्रधानमंत्री शरीफ के बेटों) के साथ-साथ प्रधानमंत्री शरीफ के खिलाफ मामलों पर कार्रवाई होनी चाहिए और 30 दिनों के भीतर कोई फैसला सुनाया जाएगा।

अदालत ने राष्ट्रपति ममनून हुसैन से भी आग्रह किया कि वह देश के मामलों का प्रभार अपने हाथों में ले लें। यह तीसरी बार है, जब नवाज शरीफ अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं।

फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि 2018 में होने वाले अगले आम चुनाव तक इस पद पर किसे नियुक्त किया जाएगा। खंडपीठ ने वित्तमंत्री इशाक डार और नेशनल एसेम्बली के सदस्य कप्तान सफदर को भी पद के अयोग्य घोषित कर दिया।

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(इनपुट IANS से भी)