पानामा पेपर्स मामले में पाकिस्तान के वकीलों ने पीएम नवाज़ शरीफ़ को 7 दिन के अन्दर पद छोड़ने की चेतावनी दी है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने शनिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर वह पनामा पेपर्स मामले में सात दिनों में सत्ता नहीं छोड़ते तो उनके ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे।
दोनों बार एसोसिएशन ने एक साझा प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा, 'दोनों बार एसोसिएशन का मानना है कि पनामा पेपर्स मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अब अपने पद पर बने नहीं रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।'
उन्होंने कहा कि पनामा मामले ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि शरीफ और उनके बच्चों ने वित्तीय अनियिमताएं और भ्रष्टचार किए और जांच के लिए जेआईटी का गठन किया गया है।
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बता दें कि पनामा गेट मामले में प्रधानमंत्री और उनके परिवार को धनशोधन और भ्रष्टाचार का आरोपी बनाया गया है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संयुक्त जांच टीम का गठन किया है और पीएम नवाज शरीफ और उनके दोनों बेटों को इस टीम के सामने जांच के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है।
मामले की शुरूआत 3 नवंबर को हुई थी और न्यायालय ने 23 फरवरी को कार्यवाही पूरी करने से पहले 35 सुनवाई की थीं। यह मामला लंदन में शरीफ के परिवार की कथित अवैध संपत्तियों के बारे में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख इमरान खान और अन्य की कई एक जैसी याचिकाओं पर आधारित है।
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ये संपत्तियां तब सामने आई थीं जब लीक दस्तावेजों के एक संग्रह पनामा पेपर्स में दिखाया गया कि उनका प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं। याचिकाओं में न्यायालय से अपील की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण 67 वर्षीय शरीफ को अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य करार दिया जाए।
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Source : News Nation Bureau