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अल-अक्सा मस्जिद में प्रार्थना करने के लिए यहूदियों को अधिकार देने पर इजराइली अदालत के फैसले की निंदा

अल-अक्सा मस्जिद में प्रार्थना करने के लिए यहूदियों को अधिकार देने पर इजराइली अदालत के फैसले की निंदा

Updated on: 07 Oct 2021, 03:15 PM

रामल्लाह:

फिलिस्तीन ने इजराइली अदालत के उस फैसले की निंदा की है, जिसमें यहूदियों को पूर्वी यरुशलम के पुराने शहर अल-अक्सा मस्जिद में प्रार्थना करने का सीमित अधिकार दिया गया था।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक बयान में, फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने इस कदम को अल-अक्सा मस्जिद के खिलाफ एक प्रमुख आक्रमण बताया है।

अल-अक्सा मस्जिद परिसर मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पवित्र स्थल है।

बयान में कहा गया है कि इजराइली अदालत का फैसला मस्जिद के पवित्र परिसर को विभाजित करने की दिशा में एक कदम है। इससे अल-अक्सा मस्जिद और इसकी ऐतिहासिक और कानूनी स्थिति पर खतरनाक परिणाम होंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि वह इस फैसले का सामना करने के लिए सभी प्रयास करेंगे और सभी राजनीतिक और कूटनीतिक कार्रवाई करेंगे।

बयान में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर जॉर्डन, अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन के साथ प्रयासों का समन्वय करेगा।

इस बीच, अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल-घेट ने भी अदालत के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि यह खतरनाक था और नई इजराइली सरकार के इरादों और फिलिस्तीनी उपस्थिति को लक्षित करने की इसकी निरंतर योजनाओं को प्रतिबिंबित करता था।

अबुल-घेट ने कहा कि अदालत के फैसले सहित इजराइल की नीतियां, फिलिस्तीनियों को भड़काने का जोखिम उठाती है, क्योंकि यह धार्मिक भावनाओं को छूती है।

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समाज से यरुशलम शहर की कानूनी और ऐतिहासिक स्थिति को बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी वहन करने का आह्वान किया है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.