पाकिस्तान के एक वैज्ञानिक ने अपने ही देश के मंत्री फवाद चौधरी, शेख राशिद, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर को आड़े हाथों लेते हुए भारत के मिशन चंद्रयान से सीख लेने की नसीहत दी है. इन सभी ने भारत के मून मिशन का मजाक उड़ाया था. अब पाकिस्तानी अंतरिक्ष यात्री नमीरा सलीम और पाकिस्तान के वैज्ञानिक और पूर्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री रह चुके डॉक्टर अता-उर-रहमान ने देश के नेताओं और सेना के प्रवक्ता को लताड़ लगाते हुए कहा कि इस्लामाबाद को भारत से सीखना चाहिए.
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डॉ. अता-उर-रहमान ने ट्विटर पर चंद्रयान-2 पर तंज कसने वालों को नसीहत देते हुए कहा, भारत के चंद्र मिशन की 'असफलता' की आलोचना बहुत ही गलत है. लक्ष्य के इतने करीब आना अपने आप में बहुत बड़ी तकनीकी उपलब्धि है. पाकिस्तान उनसे दशकों पीछे है. भारत की असफलता पर जश्न मनाने की जगह हमें जागने और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में निवेश करने की जरूरत है. जागो पाकिस्तान.
एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में डॉ. अता-उर-रहमान ने कहा, भारत के मिशन चंद्रयान-2 से पाकिस्तान को जागने की जरूरत है. भारत के चंद्रयान-2 को असफल नहीं कहा जा सकता. कई उन्नत तकनीक वाले देशों के भी मिशन असफल हुए हैं. रहमान ने कहा कि जो अंतिम समय तक प्रयास जारी रखता है, वह ही सफल होता है.
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रहमान ने कहा कि भारत ठीक कर रहा है. हमें भी मंगल और चांद पर पहुंचने के लिए उनसे सीख लेनी चाहिए. हमें चांद पर जाने की कोशिशें सिर्फ इसलिए नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भारत की बराबरी करना चाहते हैं. हमें समझना चाहिए कि ऐसे परीक्षणों से तकनीक का विकास होता है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो