आतंक को समर्थन दिए जाने के मामले में अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद पर रोक लगाए जाने की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कैबिनेट और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक कर रहे हैं।
अमेरिका के 25.5 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद पर रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान प्रशासन में उथल-पुथल मच गई है।
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के अनुसार बैठक में प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ट्रंप प्रशासन द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक और तल्ख टिप्पणी का जवाब देने पर चर्चा की जा रही है।
इस बैठक में सहायता राशि न मिलने की स्थिति में दूसरे विकल्पों पर भी चर्चा की जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के मीडिया विंग ने कहा कि चर्चा में विदेश मंत्री, आतंरिक मंत्री, रक्षा मंत्री, सेवा प्रमुखों के अलावा वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी शामिल हैं।
कैबिनेट की बैठक से ठीक पहले सेना के मुख्यालय पर हुई कॉर्प्स कमांडर्स की बैठक में भी ट्रंप के आरोपों पर चर्चा की गई और सेना ने अपने सुझाव सरकार को भेज दिये हैं।
एक जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका मूर्खतापूर्वक 15 सालों तक पाकिस्तान को मदद देता गया, जबकि वह (पाकिस्तान) अफगानिस्तान के आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराता रहा।
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इसके साथ ही ट्रंप ने आतंक को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद रोके जाने की चेतावनी दी थी।
ट्रंप ने कहा था, 'पिछले 15 सालों के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की मदद दी और बदले में उसे आतंक की लड़ाई के नाम पर केवल 'झूठ' ही मिला।'
ट्रंप ने कहा, 'वह उन आतंकियों को सुरक्षित पनाहगार देते हैं, जिन्हें हम मामूली मदद के साथ अफगानिस्तान में मारते हैं।
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Source : News Nation Bureau