बदहाल अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे-लिस्ट से निकलकर व्हाइट-लिस्ट में आने के लिए छटपटा रहा है, क्योंकि अक्टूबर तक अगर उसने फोर्स के निर्देशों का अनुपालन नहीं किया तो उसके ब्लैक-लिस्ट में जाने का खतरा है. लिहाजा पाकिस्तान की सरकार ने एफएटीएफ से संबंधित दो विधेयकों को कौमी (राष्ट्रीय) असम्बेली में विपक्ष के मुखर विरोध के बावजूद बुधवार को पारित करा लिया. संसदीय मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार बाबर अवान ने आतंकवाद रोधी (संशोधन) विधेयक 2020 और संयुक्त राष्ट्र (सुरक्षा परिषद) (संशोधन) विधेयक 2020 को सदन के पटल पर रखा.
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जब विधेयकों के प्रावधानों पर मतदान शुरू हुआ, तो विपक्षी सदस्य खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. इस वजह से सदन के अध्यक्ष को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की टिप्पणी की वजह से विरोध हो रहा था. कुरैशी ने मंगलवार को कहा था कि विपक्ष इसलिए विधेयकों का समर्थन नहीं कर रहा है कि सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी कानून की कठोरता कम करने से इनकार कर दिया है.
Source : Bhasha