पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव के मामले में अंतर्राष्ट्रीय अदालत में सोमवार को पाकिस्तान का पक्ष रखने की रणनीति के बारे में एटॉर्नी जनरल ने सिफारिशें भेजी हैं।
पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन इस सप्ताह नीदरलैंड्स के हेग में स्थित आईसीजे ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी।
एटॉर्नी जनरल अश्तार औसफ ने शुक्रवार को डॉन को बताया, 'हमने प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को अपनी सिफारिशें भेज दी हैं।'
औसफ ने कहा कि पाकिस्तान अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को सशक्त तरीके से खारिज करते हुए अपना मजबूत जवाब देगा और कश्मीर में भारत के अत्याचारों का मुद्दा भी उठाएगा।
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उन्होंने कहा कि सभी कदमों और विकल्पों को गुप्त रखना जरूरी है, ताकि दूसरा पक्ष (भारत) हमारी रणनीति न जान पाए।
औसफ आईसीजे के समक्ष पाकिस्तान का पक्ष रख सकते हैं। लेकिन उन्होंने इसके लिए विदेश से किसी की सेवा लेने की संभावना से भी इनकार नहीं किया है। उनका कहना है कि मकसद यही है कि पाकिस्तान का पक्ष रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के सर्वश्रेष्ठ जानकार की सेवा ली जाए।
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हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि इसके लिए समय बेहद कम है, क्योंकि आईसीजे में मामले की सुनवाई 15 मई को शुरू होगी।
पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान में राज्य प्रायोजित आतंकवाद से ध्यान हटाने के लिए जाधव मामले में आईसीजे में गुहार लगाई है और वह मामले में आईसीजे के अधिकारों की समीक्षा कर रहा है।
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Source : IANS