अभी FATF ग्रे सूची में ही रहेगा पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया ने किया समर्थन
आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ब्लैक लिस्ट में जाने से एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) बच गया.
नई दिल्ली:
आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर नजर रखने वाली वैश्विक संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ब्लैक लिस्ट में जाने से एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) बच गया. FATF ने उसे ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है. समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. खबरों के अनुसार, मलेशिया (Malaysia) और तुर्की (Turkey) ने इस दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया. एफएटीएफ के उपसमूह ने आतंकवाद की वित्तीय मदद रोकने में विफल रहने पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बने रहने देने की सिफारिश की. हालांकि, अंतिम निर्णय शुक्रवार को होगा.
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एफएटीएफ (FATF) का एक हिस्सा इंटरनेशनल को-ऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (ICRG) में पाकिस्तान के मुद्दे पर मंगलवार को चर्चा हुई थी. हाल ही में FATF ने पाकिस्तान नाम लिए बिना चेतावनी भी दी थी. एफएटीएफ ने कहा, दुनिया के कुछ देश अब भी अवैध तरीकों से जुटाई गई राशि के जरिए आतंकी संगठनों का समर्थन कर रहे हैं.
Sources: Pakistan to remain in Financial Action Task Force (FATF) grey list. Turkey and Malaysia supported Pakistan. pic.twitter.com/M0z0Ppt7rY
— ANI (@ANI) February 18, 2020
इससे पहले FATF ने सोमवार को कहा था कि संस्था द्वारा आतंक के वित्त पोषण पर सख्ती के बाद भी गैरकानूनी गतिविधियों और दुनिया भर में समर्थकों से जुटाए गए धन से कई आतंकवादी समूहों को अभी भी फायदा मिल रहा है. इस बारे में भारत ने कहा कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों को नियमित रूप से समर्थन प्रदान करता है, जिनका मुख्य निशाना भारत है.
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पेरिस में एक हफ्ते से चलने वाली एफएटीएफ की अहम बैठक में तय होना था कि पाक संस्था की ग्रे सूची में बना रहेगा या उसे काली सूची में डाला जाएगा या वह इन सूचियों से बाहर हो जाएगा. पाकिस्तान का नाम लिए बिना एफएटीएफ ने अपने बयान में कहा था कि आतंकवादी धन पाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें नए अनुयायियों की पहचान के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल और उनसे धन की मांग शामिल है.
इस संस्था ने कहा था कि एफएटीएफ ने आतंक के वित्तपोषण पर मानकों को सख्त बनाया है, जिससे आईएसआईएल और अल-कायदा जैसे समूहों की धन तक पहुंच घटाने में मदद मिली है. हालांकि, विभिन्न समूह अभी गैरकानूनी गतिविधियों और दुनिया भर में समर्थकों से धन जुटा रहे हैं. FATF ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे सूची में डाला था. उसे संस्था की काली सूची में जाने से खुद को बचाने के लिए 27 सूत्रीय एक्शन प्लान सौंपा गया था. अगर संस्था को लगता कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान पर काम करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं तो उसे काली सूची में डाला जाता है.