अब UNHRC के मंच से भारत को घेरने की कोशिश करेगा पाकिस्तान, भारत देगा मुनासिब जवाब
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35-ए के हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कोशिश कर रहा है कि किसी तरह भारत को घेर सके लेकिन अभी तक उसे ऐसा करने में सफलता नहीं मिल पाई है. इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ केवल चाइना ही दे रहा है.
highlights
- पाकिस्तान जेनेवा में भारत के खिलाफ लाएगा कश्मीर रिजॉल्यूशन.
- पाकिस्तान ने भारत को कश्मीर मुद्दे पर घेरने की पूरी तैयारी की.
- भारत भी अपने जवाब के साथ है तैयार.
जिनेवा:
पाकिस्तान (Pakistan) जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के मुद्दे पर भारत (India) को घेरने के लिए एक और चाल चलने जा रहा है. पाकिस्तान की ओर से वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi,Minister of Foreign Affairs Pakistan) संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Commission-UNHRC) के 42वें अधिवेशन में शामिल होने के लिए जेनेवा (Geneva) पहुंचे हैं.
जिनेवा में UNHRC का अधिवेशन तीन सप्ताह तक चलना है. पाकिस्तान इस अधिवेशन को भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर के मुद्दे को उठाने के लिए एक मौके के रूप में देख रहा है.
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जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35-ए के हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कोशिश कर रहा है कि किसी तरह भारत को घेर सके लेकिन अभी तक उसे ऐसा करने में सफलता नहीं मिल पाई है. इस मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ केवल चाइना ही दे रहा है.
ये है पाकिस्तान की नई चाल
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी इस बार UNHRC में कुछ खास करने वाले हैं. वो कश्मीर मसले को उठाने वाले हैं, बल्कि वे भारत के खिलाफ समर्थन प्राप्त करने के लिए ‘कश्मीर रिजोल्यूशन’ (Kashmir Resolution) भी पेश करने की तैयारी में हैं. पाकिस्तान यह कोशिश करता रहा है कि UNHRC में कश्मीर को लेकर एक विशेष सत्र आयोजित किया जाए.
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पाकिस्तान इसके लिए तमाम वैश्विक मंचों से भारत को घेरने का कूटनीतिक प्रयास कर चुका है कि अगर वह UNHRC के कुल 47 सदस्यों में से 16 का समर्थन जुटा ले तो उसे एक तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो जाएगा. मुस्लिम देशों के संगठन 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) के सदस्य देशों की UNHRC में मुख्य भूमिका होगी. OIC के 15 सदस्य देश UNHRC के भी सदस्य हैं. हाल ही में OIC ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों को लेकर चिंता जताई थी.
Pakistan के प्रधानमंत्री इमरान खान की विशेष दूत के रूप में जेनेवा पहुंची ताहिमा जांजुआ भी भारत के खिलाफ कई देशों से समर्थन प्राप्त करने की कोशिश में लगी हैं. दूसरी तरफ भारत भी पाकिस्तान का जबरदस्त विरोध कर रहा है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है कि UNHRC में पाकिस्तान का कश्मीर रिजोल्यूशन मंजूर न हो.
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भारत के राजनयिक अजय बिसारिया की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधि मंडल जेनेवा पहुंच चुका है और वह UNHRC में पाकिस्तान के Kashmir Resolution प्रस्ताव लाने की कोशिशों के खिलाफ तगड़ा प्रतिरोध कर रहा है.
जबकि भारत की ओर से पाकिस्तान के इस रिजॉल्यूशन के खिलाफ भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कई देशों से संपर्क किया है ताकि पाकिस्तान की इस नई चाल का करारा जवाब दिया जा सके. लेकिन बड़ी बात ये है कि जेनेवा में ही पाकिस्तान के खिलाफ बलोचिस्तान के लोगों ने बैनर और पोस्टर्स लगाए हैं. ये विरोध इसलिए किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने बलोचिस्तान के राजनैतिक लोगों और वहां के बाशिंदों के मानवाधिकार का उल्लंग्घन किया है और कईयों को अपने यहां जेल में बंद कर रखा है.
पाकिस्तान का पूरे वैश्विक मंच पर बलोचिस्तान को लेकर किरकिरी हो चुकी है. लंदन में रहने वाले बलोच समर्थकों ने कुछ ही दिन पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के घर के सामने पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया था. जबकि इसके पहले अमेरिका में जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गए थे तो वहां भी पाकिस्तान का विरोध हुआ था.
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