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चीन का बड़ा झटका, पाकिस्तान दासू आतंकी हमले के हताहतों को देगा 1.15 करोड़ डॉलर मुआवजा

आर्थिक समन्वय समिति ने पिछले साल दासू पनबिजली परियोजना स्थल के समीप आत्मघाती बम हमले में हताहत चीनी नागरिकों को 91 करोड़ 30 लाख पाकिस्तानी रुपये के सद्भावना मुआवजे को मंजूरी दी.

Updated on: 30 Jul 2022, 07:52 AM

highlights

  • आत्मघाती बम हमले में मृत-घायल चीनी नागरिकों को पाकिस्तान देगा 91 करोड़ 30 लाख  रुपये का मुआवजा
  • पिछले साल चीनी कर्मियों को ले जा रही बस पर आतंकी हमले में 10 चीनी नागरिक मारे गए थे, 26 हुए थे घायल
  • पाकिस्तान ने आतंकी हमले का आरोप भारत पर मढ़ा था, लेकिन चीन ने इस झांसे में न आ कराई थी अपनी जांच

इस्लामाबाद:

आतंकवाद (Terrorism) के मसले पर चीन ने अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान (Pakistan) को एक बड़ा झटका दिया है. पहले ही कंगाली की कगार पर खड़े पाकिस्तान को यह झटका दिवालिया होने की तरफ एक कदम और ढकेल देगा. चीन के दबाव में पाकिस्तान को खैबर पख्तूनख्वा में एक पनबिजली परियोजना के लिए काम कर रहे चीनी नागरिकों पर पिछले साल हुए आतंकी हमले का मुआवजा (Compensation) देना पड़ रहा है. इस आत्मघाती हमले में 10 चीनी नागरिक मारे गए थे और 26 गंभीर रूप से घायल हुए थे. मारे गए लोगों में ज्यादातर इंजीनियर थे. चीन (China) ने इस आतंकी हमले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुआवजे की मांग की थी. इस कड़ी में वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल (Miftah Ismail) की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय की बैठक में पाकिस्तान ने 36 चीनी नागरिकों को 1.15 करोड़ डॉलर से अधिक का मुआवजा देने का फैसला किया है. यह भारी-भरकम मुआवजा आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान की कमर तोड़ देगा.

आतंकी हमले का आरोप भारत पर मढ़ा था नापाक पाक ने
डॉन अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक समन्वय समिति ने पिछले साल दासू पनबिजली परियोजना स्थल के समीप आत्मघाती बम हमले में हताहत  चीनी नागरिकों को 91 करोड़ 30 लाख पाकिस्तानी रुपये के सद्भावना मुआवजे को मंजूरी दी. गौरतलब है कि पिछले साल 13 अगस्त को खैबर पख्तूनख्वां के कोहिस्तां जिले में दासू पनबिजली परियोजना स्थल पर चीनी कर्मियों को ले जा रही एक बस पर आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया गया था. हमले की घातकता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि विस्फोट से बस सड़क से लुढ़कर खाई में जा गिरी थी. हालांकि अपने जन्म से पहले भारत से दुश्मनी पाल लेने वाले पाकिस्तान ने इस आत्मघाती हमले का आरोप भारत पर लगाया था. 

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चीन ने नहीं किया था ऐतबार, जताई थी कड़ी नाराजगी
गौरतलब है कि आत्मघाती आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि खैबर पख्तूनख्वा के दासू हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट में काम करने वाले चीनी इंजीनियरों की बस पर आत्मघाती हमले में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ है. हालांकि चीन ने इसे दावे को नजरअंदाज कर आतंकी हमले पर पाकिस्तान से कड़ी नाराजगी जताई थी. पाकिस्तान ने शुरुआत में इस आतंकी हमले को छिपाने की कोशिश की थी. हमले के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया था कि बस के खाई में गिरने से पहले एक विस्फोट हुआ था. बाद में बताया गया कि बस तकनीकी गड़बड़ी की वजह से खाई में जा गिरी.  मामला इतना पेचीदा हो गया था कि चीन को मनाने के लिए शाह मदमूद कुरैशी और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को बीजिंग जाना पड़ा था. इसके बाद चीन ने पाकिस्तान की जांच पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आत्मघाती हमले की जांच के लिए चीनी टीम भेजी थी.