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गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK को वित्तीय स्वायत्ता देने की तैयारी में पाकिस्तान, भारत ने जताई नाराज़गी

यह वही क्षेत्र है जहां 50 बिलियन डॉलर की लागत से चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) बनाया जा रहा है।

Updated on: 20 May 2018, 02:12 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के शीर्ष अधिकारी और सैन्य नेताओं ने तय किया है कि अब से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान में प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार बढ़ाया जाएगा।

ज़ाहिर है कि यह वही क्षेत्र है जहां 50 बिलियन डॉलर की लागत से चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) बनाया जा रहा है।

बता दें कि शनिवार को पाकिस्तान के आलाधिकारी और सैन्य नेताओं के समूह प्रमुख सरताज अज़ीज, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और गिलगित-बाल्टिस्तान व कश्मीर मामलों के मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में पहुंचे थे। जिसके बाद एक आधिकारिक बयान में इस बात की घोषणा की गई।

हालांकि अब तक प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार देने को लेकर विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाक़ान अब्बासी ने इस बैठक की अध्यक्षता की और इस प्रस्ताव पर सहमति ज़ाहिर की। इतना ही नहीं पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान परिषद को सलाहकार निकाय बनाने की स्वीकृति को लेकर भी आम राय बनती नज़र आई।

साथ ही यह भी कहा गया कि इस क्षेत्र को अगले पांच सालों के लिए सभी तरह की टैक्स से छूट मिले, जिससे कि वो पैसे यहां के विकास में खर्च हो सके और पाकिस्तान के बाकी इलाकों की तरह ही यह इलक़ा भी समृद्ध बने।

बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान अलग भौगोलिक इकाई की तरह मानता रहा है। पाकिस्तान में बलोचिस्तान, खैबर-पख़्तुनख्वा, पंजाब और सिंध चार प्रांत हैं।

भारत ने पाकिस्तान द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र को पांचवे प्रांत के तौर पर स्वीकृति देने की कोशिश को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की है। भारत ने कहा है कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

बता दें कि भारत इससे पहले गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा का भी विरोध कर चुका है।

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