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अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव से चिढ़ा पाकिस्‍तान, शाह महमूद कुरैशी ने कही यह बात

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीनेट में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते पर बात रखते हुए कहा कि इस समझौते में पाकिस्तान की भूमिका महज संबद्ध पक्षों को एक-दूसरे के पास लाने की रही.

Updated on: 06 Mar 2020, 07:31 AM

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान ने साफ शब्दों में कहा है कि वह अफगानिस्तान में भारत की किसी भी तरह की सुरक्षा भूमिका नहीं देखना चाहता. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीनेट में अमेरिका और तालिबान के बीच हुए समझौते पर बात रखते हुए कहा कि इस समझौते में पाकिस्तान की भूमिका महज संबद्ध पक्षों को एक-दूसरे के पास लाने की रही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में भारत की कोई सुरक्षा भूमिका नहीं देखना चाहता.

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गौरतलब है कि अफगानिस्तान की मौजूदा सरकार से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं. अफगानिस्तान में आतंकवाद को भड़काने के मुद्दे पर अफगान सरकार और पाकिस्तान सरकार में तल्खी बनी रहती है. इसी के साथ अफगान सरकार और भारत सरकार के अच्छे संबंध भी पाकिस्तान को चुभते हैं जिसे लगता है कि अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव बढ़ गया है.

कुरैशी ने अमेरिका और तालिबान के बीच समझौते की सराहना करते हुए साफ किया कि अभी यह पहला कदम है, आगे का रास्ता बहुत कठिन है. लेकिन, 19 साल से चल रहे युद्ध के बाद इस पर सहमति बनना कि युद्ध से मसला हल नहीं होगा, अपने आप में बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि संबंद्ध पक्षों को इसी आधार पर अफगानिस्तान में स्थायी शांति की दिशा में प्रयास करना होगा.

उन्होंने कहा, "हम अफगानिस्तान में भारत की कोई सुरक्षा भूमिका नहीं चाहते. इस बारे में हमारी चिंता की वजह इतिहास में है. अफगानिस्तान में पाकिस्तान विरोधी गतिविधियां जारी हैं जो हमारे लिए एक चुनौती है."

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उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में शांति चाहता है क्योंकि वहां पर कोई और अस्थिरता पाकिस्तान के लिए आव्रजकों की बाढ़ की नई समस्या पैदा कर सकती है जहां पहले से ही लाखों अफगान नागरिक शरण लिए हुए हैं.