ईरान मसले पर भी पाकिस्तान का दोमुंहापन आया सामने, स्वार्थवश दिया अमेरिका को समर्थन
ईरान पर अमेरिकी कार्रवाई के मसले पर भी पाकिस्तान सौदेबाजी करने से बाज नहीं आया. अमेरिका से सैन्य सहयोग की उम्मीद में उसने ईरान की अपेक्षा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के उस निर्णय के पक्ष में खड़े होने का फैसला किया.
highlights
- बलूच अलगाववादियों के हमलों के पीछे ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी का हाथ बताया.
- पाकिस्तान ने परोक्ष तौर पर ईरान के खिलाफ अमेरिकी हमले पर चुप्पी ही साध रखी है.
- हालांकि माइक पोंपियो को जनरल बाजवा ने साथ खड़े रहने का दिया आश्वासन.
नई दिल्ली:
ईरान पर अमेरिकी कार्रवाई के मसले पर भी पाकिस्तान सौदेबाजी करने से बाज नहीं आया. अमेरिका से सैन्य सहयोग की उम्मीद में उसने ईरान की अपेक्षा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के उस निर्णय के पक्ष में खड़े होने का फैसला किया, जिसमें ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार गिराया गया था. गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत दो साल से बंद चल रहे पाकिस्तान में अमेरिकी सहयोग से सैन्य प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रम को फिर से शुरू करने को हरी झंडी दी है.
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एक तीर से दो निशाने साधे
खुफिया सूत्रों के हवाले से एशियन लाइट में प्रकाशित एक खबर के अनुसार इस्लामाबाद ने बलूच अलगाववादियों के हमलों के पीछे ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी का हाथ बताया है. ऐसे में ईरान के खिलाफ अमेरिका के हालिया कदम को बेहतरीन अवसर मानते हुए पाकिस्तान ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश की है. बताते हैं कि बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ड्रोन हमले में ईरानी कमांडर सुलेमानी को मार गिराने के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान से उसका समर्थन मांगा था.
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अमेरिकी हितों में साथ खड़ा पाकिस्तान
पाकिस्तान का रुख जानने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ट्वीट कर कहा था कि कासिम सुलेमानी को मारने के बाद पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख जनरल बाजवा से उनकी बात हुई. इसमें पाकिस्तान ने ईरान की हरकतों से क्षेत्रीय असंतुलन की बात स्वीकारी. साथ ही अमेरिकी हितों, सैन्य बल, सुविधाओं और सहयोग के क्रम में साथ खड़े रहने का वादा किया है. गौरतलब है कि पाकिस्तान ने परोक्ष तौर पर ईरान के खिलाफ अमेरिकी हमले पर चुप्पी ही साध रखी है.
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बलूच हमले में पाक के 14 सैन्य बल हलाक
एशियन लाइट के मुताबिक पाकिस्तान सशस्त्र बल के कम से कम 14 सदस्य ईरान में बलूच अलगाववादियों के हाथों मारे गए. पाकिस्तान के खिलाफ ये ऐसे हमले थे जिसे ईरान के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी के आदेश पर अंजाम दिया गया था. ऐसे में अमेरिका के हालिया उकसावेपूर्ण कदम को पाकिस्तान ने अपने पक्ष में करने में देर नहीं लगाई. उसे लगता है कि अमेरिका के सैन्य प्रशिक्षण शुरू करने के बाद इस तरह से उसे सैन्य मदद भी मिलनी शुरू हो सकती है. हालांकि ट्रंप प्रशासन स्पष्ट कर चुका है कि सैन्य और शैक्षणिक प्रशिक्षण के अलावा पाकिस्तान को और कुछ नहीं दिया जाएगा.
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