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JNU हिंसा की आंच पहुंची पाकिस्तान, छात्रों-शिक्षकों ने जेएनयू के समर्थन में निकाली रैली

पाकिस्तान के लाहौर में छात्रों और शिक्षकों ने जेएनयू के समर्थन में रैली निकाली. जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध किया

Updated on: 08 Jan 2020, 10:30 PM

नई दिल्ली:

जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा का विरोध पूरे देश में किया जा रहा है. जेएनयू प्रदर्शन की आंच अब पाकिस्तान भी पहुंच गई है. पाकिस्तानी छात्रों ने जेएनयू के समर्थन में रैली निकाली. बुधवार को पाकिस्तान के लाहौर में छात्रों और शिक्षकों ने जेएनयू के समर्थन में रैली निकाली. जेएनयू में हुई हिंसा का विरोध किया. पाकिस्तान में यह रैली लाहौर प्रेस क्लब से निकाली गई, जिसमें कई यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं शामिल रहे.

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जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा पर काफी राजनीति होने लगी है. सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने जेएनयू मामले में कूद गए हैं. मंगलवार को सीताराम येचुरी और डी राजा कैंपस पहुंचे थे. उन्होंने छात्र संघ नेता आईशी घोष से मुलाकात की थी. साथ ही बीजेपी के भी कई बड़े नेताओं का बयान सामने आया है. कांग्रेस भी इसमें पीछे नहीं रही. वहीं इस मामले में हो रही राजनीती पर जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार ने खासी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि कृपया राजनीति ना करें, हमें अकेले छोड़ दें.

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वहीं वीसी ने कहा कि जो लोग आंदोलनकारियों के समर्थन में आ रहे हैं, मैं उन सभी महान लोगों से सवाल पूछा कि उन लोगों का क्या? जो अपने अधिकारों से वंचित हो गए हैं. जो लोग पढ़ाई और रिसर्च से वंचित हो गए हैं. आप लोग उनलोगों के साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते. वीसी का साफ कहना था कि लोग आंदोलनकारियों के समर्थन में तो खड़े हो रहे हैं, लेकिन जिन लोगों को इसकी वजह से पढ़ाई में वाधा उत्पन्न होता है, उनका रिसर्च रुक गया है, उनलोगों के साथ ये लोग क्यों नहीं खड़े हो सकते.

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इसके अलावा एम जगदीश कुमार ने फीस वृद्धि पर भी बात की. उन्होंने कहा कि हम अपने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों से भी संपर्क कर सकते हैं, ताकि वे ऐसे सभी छात्रों की मदद कर सकें, जो समाज के गरीब तबके से आते हैं. वहीं कांग्रेस की चार सदस्यीय वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी पर उन्होंने कहा कि कृपया हमारे विश्वविद्यालय में राजनीति नहीं करें. कृपया हमलोगों को अकेला छोड़ दें और मुझे अपना काम करने दें.

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दिल्ली पुलिस को जेएनयू में छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोश लोगों की पहचान के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं. पुलिस मामला सुलझाने के कगार पर हैं. सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार लेफ्ट समर्थक छात्र पुलिस जांच को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. बुधवार को क्राइम ब्रांच की टीम ने jnu कैंपस में सुरक्षा कर्मियों के बयान दर्ज किए. साथ ही सर्वर रूम में तोड़फोड़ से जुड़े अहम सबूत जुटाने का भी दावा किया. पुलिस सूत्रों की माने तो उन 20 लेफ्ट समर्थित लोगों की पहचान कर ली गयी है, जिन्होंने जेनएयू कैंपस में यूनिवर्सिटी के सर्वर रूम को तहस नहस किया था, लेकिन हॉस्टल में नकाब लगाकर मारपीट करने वालों के बारे में ठोस जानकारी नहीं जुटा पाई है.