सिंधु जल समझौता विवाद को लेकर पाकिस्तान ने अब अमेरिका से समर्थन मांगा है। उन्होंने इस मामले में विश्व बैंक की भूमिका पर भी चर्चा की, जो 1960 में इसका मध्यस्थ बना था।
सिंधु नदी पर भारत दो पनबिजली संयंत्रों का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान लगातार इसका विरोध कर रहा है। पाक ने इस मामले में विश्व बैंक से मध्यस्थता का अनुरोध किया है। लेकिन विश्व बैंक ने मध्यस्थता से इन्कार कर दिया।
विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने दोनों पड़ोसियों से कहा है कि वे जनवरी के अंत तक तय करें कि इस विवाद को कैसे सुलझाना चाहते हैं। जिसके बाद नाराज इस्लामाबाद ने अमेरिका से बात कर मामला सुलझाने को कहा।
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पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दोनों देश इस मसले का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करे।
पाकिस्तानी अख़बार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने शनिवार के अंक में लिखा, ‘केरी ने गुरुवार रात वित्त मंत्री इसहाक डार को फोन किया और सिंधु जल समझौते को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा की।’
मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि यह मामला काफी अहम है। हाल के महीनों में इस्लामाबाद को अमेरिका से दी जा रही मदद में काफी कमी आई है। इस वजह से पाकिस्तान का बजट काफी घाटे में चला गया है।
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बताया जा रहा है कि केरी के फोन कॉल के बाद पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डेविड हेल ने वित्त मंत्रालय जाकर डार से मुलाकात की। अखबार ने लिखा कि सिंधु जल समझौता विवाद ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से अमेरिका को महत्वपूर्ण बना दिया है।
Source : News Nation Bureau