पाकिस्तान ने पैसा जुटाने के लिए अपनाया नया हथकंडा, फिर भी नहीं गली दाल

पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था संभालने और निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने 'पाकिस्तान बनाओ सर्टिफिकेट' स्कीम इस साल की शुरुआत में लांच की थी.

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Nihar Saxena
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सांकेतिक चित्र

आर्थिक तंगी झेल रहे पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान ने पैसा जुटाने के लिए एक नया पैतरा चला. उनकी सरकार ने 'पाकिस्तान बनाओ सर्टिफिकेट' स्कीम लांच की. इसका मकसद विदेश में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों से धन जुटाना ही है. अब तक इस योजना के जरिये इमरान सरकार लगभग तीन करोड़ डॉलर यानी करीब 216 करोड़ रुपये ही इक्ट्ठा कर चुकी है. पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था संभालने और निवेश बढ़ाने के लिए सरकार ने यह स्कीम इस साल की शुरुआत में लांच की थी.

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विकसित देशों में नहीं दी इजाजत
पाकिस्तान वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता उमर हमीद के मुताबिक यह योजना अब भी चल रही है. 'पाकिस्तान बनाओ सर्टिफिकेट' खरीदने वालों को तीन साल के निवेश पर 6.25 प्रतिशत और पांच साल पर 6.75 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा. अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अन्य विकसित देशों में, जहां पाकिस्तानी नागरिक बड़ी संख्या में रहते हैं, वहां यह योजना शुरू नहीं हो सकी क्योंकि इन देशों ने पाकिस्तान को इसकी इजाजत नहीं दी.

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एक पैकेट पाव रोटी 80 रुपए की
गौरतलब है कि कश्मीर के मसले पर परमाणु युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्‍तान में गेहूं की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस महीने में इसकी कीमतों में तीसरी बार इजाफा हुआ है. मौजूदा वक्‍त में पाकिस्‍तान में सामान्‍य श्रेणी के आटे की कीमत 44.50 प्रति किलो, जबकि सुपर फाइन और फाइन श्रेणी के आटे की कीमत 47.50 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. नतीजतन एक पैकेट पाव रोटी 40 से 80 रुपये में बिक रही है. यही नहीं, अच्‍छे किस्‍म के चावल की कीमत 130.47 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है.

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महज 15 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा
आर्थिक संसाधनों की कमी का आलम यह है कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के पास बिजली का बिल चुकाने के लिए पैसे नहीं है. दूसरी ओर पाकिस्‍तान की सेना भारत का खौफ दिखाकर अपने देश के संसाधनों को दीमक की तरह से चाट रही है. पाकिस्‍तानी सेना ने हाल ही में एक मिसाइल का परीक्षण भी किया है. नतीजतन देश पर आर्थिक बोझ और बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्‍तान के पास मात्र 15 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पिछले 22 साल में पाकिस्‍तान 30 से ज्‍यादा बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज ले चुका है.

HIGHLIGHTS

  • इमरान सरकार ने 'पाकिस्तान बनाओ सर्टिफिकेट' योजना लांच की थी.
  • अभी तक महज 216 करोड़ रुपए ही जुटा सकी इमरान सरकार.
  • यूएस, ब्रिटेन और अन्य विकसित देशों ने नहीं दी अपने देश में इजाजत
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