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Pakistan: पाक पीएम शहबाज और राष्ट्रपति अल्वी के बीच मनमुटाव, जानें पूरा मामला

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पीएम शहबाज शरीफ के बीच सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार 11 अगस्त को दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आई है. दरअसल, राष्ट्रपति अल्वी ने पीएम शहबाज को शनिवार को एक पत्र लिखा है.

Updated on: 12 Aug 2023, 01:18 PM

नई दिल्ली:

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में हर दिन कुछ नया सियासी तूफान देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान में नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है और इसके साथ ही आमचुनाव का ऐलान हो गया है. इसी बीच एक बार फिर देश में सियासी उठा-पटक देखने को मिल रही है. इस बीच खबर ये आ रही है कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पीएम शहबाज शरीफ के बीच सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार 11 अगस्त को दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आई है. दरअसल, राष्ट्रपति अल्वी ने पीएम शहबाज को शनिवार को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में राष्ट्रपति ने शहबाज से कार्यवाहक पीएम नियुक्त करने को कहा है. 

आज भेजा जाएगा प्रस्ताव

राष्ट्रपति अल्वी ने पीएम शहबाज से चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति करें. राष्ट्रपति के इस चिट्ठी से पीएम शहबाज गुस्सा हो गए और राष्ट्रपति से पूछ लिया की उनकों इस बात की क्या जल्दी है. शहबाज ने आगे लिखा शायद उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा. शहबाज शरीफ ने कहा है कि वो शनिवार तक कार्यवाहक पीएम के नाम का प्रस्ताव भेज दिया जाएगा. शरीफ ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति अल्वी ने उन्हें और विपक्षी नेता राजा रियाज को 12 अगस्त तक कार्यवाहक पीएम के नाम का सुझाव देने का समय दिया है. शहबाज शरीफ ने कहा कि वो राजा रियाज के साथ नाम को लेकर अंतिम चर्चा चल रही है और शनिवार तक इसे पुरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वो नाम को भेजने से पहले सहयोगी पार्टियों से भी बात करेंगे और विश्वास दिलाया जाएगा.

अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के पास

पीएम शहबाज ने कहा कि संविधान के मुताबिक नेशनल असेंबली भंग होने के बाद कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति के लिए 8 दिनों का समय होता है. पाकिस्तान के संविधान के अनुसार कार्यवाहक पीएम की नियुक्ति के लिए पीएम और नेशनल असेंबली के विपक्ष के नेता के पास तीन दिन का समय होता है. यदि किसी कारण से दोनों एक नाम पर सहमत नहीं हो पाते है तो ये फैसला फिर संसदीय समिति तय करेगी. अगर संसदीय समिति भी निर्णय नहीं ले पाती है तो पाला पाकिस्तान चुनाव आयोग के पास चला जाएगा. फिर पाकिस्तान चुनाव आयोग दो दिनों में नाम पर अंतिम फैसला करेगा.