कंगाल पाकिस्तान फिर झुका, भारत की आपत्ति पर खालिस्तानी गोपाल सिंह चावला करतारपुर समिति से बाहर
अंततः एक बार फिर भारत का कूटनीतिक दबाव रंग लाया और पाकिस्तान को खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटाना ही पड़ा.
highlights
- खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटाया गया.
- भारत सरकार ने इस मसले पर अपना रखा था सख्त रुख और जताया था तीखा विरोध.
- खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला हाफिज सईद और मसूद अजहर का भी है खास.
कराची.:
अंततः एक बार फिर भारत का कूटनीतिक दबाव रंग लाया और पाकिस्तान को खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटाना ही पड़ा. माना जा रहा है कि करतारपुर कॉरिडोर पर रविवार को होने वाली भारत-पाकिस्तान के बीच अहम वार्ता से पहले भारत के दबाव में झुकते हुए पाकिस्तान सरकार ने यह कदम उठाया है. यही नहीं, गोपाल सिंह चावला को पाकिस्तान में रह रहे और पाक सरकार के वित्त पोषित आतंकी हाफिद सईद का खास माना जाता है.
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भारत ने जताई थी सख्त नाराजगी
इसके पहले करतारपुर कॉरिडोर समिति में गोपाल सिंह चावला को शामिल करने पर भारत ने सख्त नाराजगी जताई थी. इसी मुद्दे पर भारत ने पिछली बार इस बैठक को रद्द कर दिया था. साथ ही भारत ने पाकिस्तान पर इस मसले पर दबाव भी बढ़ा दिया था. इसके आगे झुकते हुए रविवार को अटारी-वाघा बॉर्डर पर शुरू होने वाली बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार ने गोपाल सिंह चावला को करतारपुर समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
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हाफिज सईद औऱ मसूद अजहर से हैं संबंध
खुफिया इनपुट्स के मुताबिक गोपाल सिंह चावला का ताल्लुक आतंकी हाफिज सईद और जैश सरगना मसूद अजहर से भी है. पाकिस्तान सेना और आईएसआई के अफसरों का भी वह खास माना जाता है. इसके पहले गोपाल सिंह चावला को पाक सेना प्रमुख कमर बाजवा और कांग्रेस के सांसद नवजोत सिंह सिद्दु के साथ भी करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास पर देखा गया था. आईएसआई गोपाल सिंह चावला का इस्तेमाल पंजाब में खालिस्तानी और अलगाववादी भावनाओं को भड़काने के लिए करती रहती है.
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भारत ने पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर से मांगी थी सफाई
गौरतलब है कि करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच अप्रैल में वार्ता प्रस्तावित थी. इस वार्ता से पहले जब पाकिस्तान ने करतापुर कॉरिडोर की निगरानी के 10 सदस्यों की समिति का ऐलान किया तो भारत ने बेहद नाराजगी जताई. वजह यह थी कि इसमें खालिस्तानी अलगाववादी भावना को हवा देने वाले गोपाल सिंह चावला, मनिंदर सिंह, तारा सिंह, बिशन सिंह और कुलजीत सिंह जैसे नाम शामिल थे. भारत सरकार ने इस मसले पर पाकिस्तान के डिप्टी हाई कमिश्नर को बुलाकर सफाई भी मांगी थी.
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पाक के नापाक इरादे हैं जगजाहिर
दरअसल भारतीय खुफिया ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर की आड़ में पंजाब में ऐसे तत्वों की घुसपैठ करा सकता है जो वहां पर खालिस्तानी आंदोलन को हवा दे सकें. यही कारण है कि भारत ने इन नामों पर सख्त विरोध जताते हुए करतारपुर कॉरिडोर पर बात करने से ही इंकार कर दिया था. भारत की नाराजगी के बाद ही पाकिस्तान ने नई समिति का ऐलान किया है. रविवार को होने वाली इस बैठक में यात्रियों की आसान आवाजाही, यात्रियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएं, विवादित पुल पर चर्चा की जाएगी.
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