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पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के इस फैसले से अमेरिकी प्रशासन के होश उड़े

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 21 जुलाई से अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान वॉशिंगटन में किसी महंगे होटल में रुकने की बजाय पाकिस्तानी दूतावास में रुकने की इच्छा जताई है.

Updated on: 08 Jul 2019, 04:26 PM

highlights

  • इमरान खान 21 जुलाई से तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं.
  • वह चाहते हैं कि महंगे होटल की बजाय पाकिस्तानी दूतावास में रुके.
  • इस आग्रह से अमेरिकी खुफिया और स्थानीय प्रशासन है हलकान.

नई दिल्ली.:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 21 जुलाई से अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान वॉशिंगटन में किसी महंगे होटल में रुकने की बजाय पाकिस्तानी दूतावास में रुकने की इच्छा जताई है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसके पीछे इमरान खान की सोच है कि राजदूत असद मजीद खान के आवास पर रुकने से यात्रा पर होने वाले खर्च को कम किया जा सकता है. हालांकि इमरान खान का यह विचार अमेरिकी खुफिया और शहरी प्रशासन को रास नहीं आया है. कुछ भी हो एक बड़े मुल्क के प्रधानमंत्री होने से एक विशेष प्रोटोकॉल के वह हकदार हैं.

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अमेरिकी खुफिया का है सुरक्षा जिम्मा
अमेरिकी खुफिया प्रोटोकॉल के तहत किसी वीआईपी के आगमन पर उसकी सुरक्षा का जिम्मा अमेरिकी खुफिया ले लेती है, वहीं शहर प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होता है कि किसी भी वीआईपी दौरे से वॉशिंगटन का सामान्य परिवहन प्रभावित ना हो. वॉशिंगटन में हर साल सैकड़ों राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दौरा करते हैं और अमेरिकी संघीय सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए शहर प्रशासन के साथ मिलकर काम करती है कि किसी अतिथि के दौरे से शहर के लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित नहीं होने पाए.

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बैठकों के लिहाज से उपयुक्त नहीं दूतावास
पाकिस्तान के राजदूत का आवास वॉशिंगटन के डिप्लोमेटिक एन्क्लेव के बीच में स्थित है. वहीं भारत, तुर्की और जापान समेत कम से कम एक दर्जन देशों के दूतावास भी हैं. ऐसे में डॉन ने एक रिपोर्ट में कहा कि अतिथि राष्ट्राध्यक्ष वॉशिंगटन में रुकने पर अमेरिका के अधिकारियों, नेताओं, मीडियाकर्मियों और विशेषज्ञ प्रतिनिधियों से कई बैठकें करते हैं.

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हैरान परेशान है अमेरिकी प्रशासन
चूंकि आवास इन बैठकों के लिए पर्याप्त रूप से बड़ा नहीं है, तो खान को अपने अतिथियों से मिलने के लिए सबसे ज्यादा ट्रैफिक वाले समय पर व्यस्त मार्गों से होते हुए पाकिस्तान दूतावास जाना होगा. इसके लिए उनके दल को इनमें से ज्यादातर दूतावासों के साथ-साथ अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो के आधिकारिक आवास पर भी जाना होगा. यह सामान्य परिवहन के लिहाज से उचित नहीं है. ऐसे में अमेरिकी खुफिया और स्थानीय प्रशासन इमरान खान के इस आग्रह से हैरान-परेशान है.