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पीएम इमरान खान ने बताया- तालिबानियों से क्यों नहीं लड़ी अफगानिस्तान फौज?

तालिबानी आतंकियों ने पूरे अफगानिस्तान में कब्जा कर लिया है. तालिबानी राज के बाद वहां आतंक और अराजकता का माहौल है. तलिबानी लड़ाके यहां खुलेआम आतंक मचा रहे हैं.

Updated on: 26 Aug 2021, 08:09 PM

नई दिल्ली:

तालिबानी आतंकियों ने पूरे अफगानिस्तान में कब्जा कर लिया है. तालिबानी राज के बाद वहां आतंक और अराजकता का माहौल है. तलिबानी लड़ाके यहां खुलेआम आतंक मचा रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान में इमरान सरकार (Imran Government) के 3 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमें बस मदद मिलती रहे. अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिका (US) ने पैसे दिए हैं. अब पकिस्तान (Pakistan ) किसी की जंग में शामिल नहीं होगा.  

पीएम इमरान खान ने आगे कहा कि तालिबानियों से तीन लाख अफगानिस्तान फौज लड़ी ही नहीं. अफगान फौज दिलेर कौम है. क्यों अफगान फौज नहीं लड़ी. तालिबान लड़ाके तो सिर्फ 70 हजार ही थे. फिर भी क्यों अफगान फौज नहीं लड़ी. वो इसलिए नहीं लड़े, क्योंकि करप्ट गवर्नमेंट के लिए कोई नहीं लड़ता है.  

उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया अफगानिस्तान की मदद करे. तालिबान ने बड़ी अच्छी बात कही है. जो दुनिया चाहती है वो सब तालिबान ने मान लिया है, इसलिए दुनिया को तालिबान की मदद करनी चाहिए, ताकि अफगानिस्तान में अमन-शांति हो.

भारत को जल्द पता चल जाएगा कि तालिबान अफगानिस्तान को सुचारू रूप से चला सकता है : तालिबान नेता

प्रमुख तालिबान नेता शहाबुद्दीन दिलवार ने अफगानिस्तान में एक नए शासन की स्थिरता पर संदेह जताने वाले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के जवाब में कहा है कि भारत को जल्द ही पता चल जाएगा कि तालिबान देश के मामलों को सुचारू रूप से चला सकता है. पाकिस्तान दैनिक अखबार डॉन की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है.

डॉन ने कहा कि तालिबान नेता का बयान पीएम मोदी द्वारा अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण पर टिप्पणी करने के एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि आतंक से बने साम्राज्य कुछ समय के लिए हावी हो सकते हैं, लेकिन उनका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता, क्योंकि वे हमेशा के लिए मानवता को दबा नहीं सकते हैं.

भारतीय प्रधानमंत्री ने तालिबान की परोक्ष आलोचना करते हुए कहा था, विनाशकारी शक्तियां, वह सोच जो आतंक के आधार पर एक साम्राज्य का निर्माण करती है, कुछ समय के लिए हावी हो सकती है, लेकिन इसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता है, यह लंबे समय तक मानवता को दबा नहीं सकती हैं.

गुरुवार को काबुल में रेडियो पाकिस्तान संवाददाता बिलाल खान महसूद के साथ विशेष बातचीत में मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिलवार ने भारत को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी. दिलवार ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी और मित्र देश है. उन्होंने 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों की मेजबानी के लिए उसे धन्यवाद भी दिया.

उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान की सेवाओं के लिए उसके आभारी हैं, खासतौर पर शरणार्थियों के कल्याण के लिए. तालिबानी नेता दिलवार ने यह भी रेखांकित किया कि तालिबान आपसी सम्मान के आधार पर सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है.