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इमरान खान सम्मेलन के बहाने सऊदी अरब पहुंचे, दिवालियेपन से बचने के लिए मांगेंगे मदद  

पाकिस्तान दिवालियेपन का शिकार हो चुका है. यहां पर जनता महंगाई से जूझ रही है. आलम ये है कि यहां पर जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. आम जनता के लिए इस महंगाई से निकलने के रास्ते खत्म होते जा रहे हैं.

Updated on: 23 Oct 2021, 03:35 PM

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान दिवालियेपन का शिकार हो चुका है. यहां पर जनता महंगाई से जूझ रही है. आलम ये है कि यहां पर जरूरी खाद्य वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. आम जनता के लिए इस महंगाई से निकलने के रास्ते खत्म होते जा रहे हैं। बीते दिनों एफएटीएफ ने पाक को 'ग्रे लिस्ट'में बरकरार रखा. ऐसे में कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी लना कठिन होता जा रहा है.  अब पाक पीएम इमरान खान मदद और पैसे मांगने के लिए सऊदी अरब पहुंचे हैं। वैसे तो वह यहां एक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, मगर उनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों और कारोबारियों को लुभाना है. इमरान खान 23 से 25 अक्टूबर तक सऊदी अरब के दौरे पर हैं. वह रियाद में मिडल ईस्ट ग्रीन इनीशियेटिव (एमजीआई) सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे. इसके साथ सऊदी नेताओं से बातचीत करेंगे. पाक के विदेश कार्यालय ने एक बयान में बताया कि शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने पीएम को आमंत्रित किया है. ऐसा बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और कैबिनेट के अन्य सदस्यों सहित एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा.'

निवेशकों और कारोबारियों से मिलेंगे इमरान

एमजीआई सम्मेलन में इमरान खान जलवायु परिवर्तन की वजह से विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों पर अपना नजरिया पेश करेंगे. इसके साथ पर्यावरण संबंधी चुनौतियों के प्रकृति-आधारित समाधान से संबंधित पाक अनुभवों को रेखांकित करेंगे। यह पश्चिम एशिया में आयोजित होने वाला इस तरह पहला सम्मेलन होगा. इस दौरान इमरान खान पाकिस्तान में निवेश को लेकर कारोबारियों से बातचीत करेंगे. 

कर्ज लेने वालों में पाकिस्तान सबसे आगे 

सऊदी अरब के दौरे को लेकर पाक को काफी उम्मीदें हैं. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। ग्रे लिस्ट में रखे जाने पर उसकी अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचेगा। इसकी वजह इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड (आईएमएफ), विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद न मिलना है. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान का नाम सबसे अधिक कर्ज लेने वाले टॉप-10 देशों में शामिल है. जून के आंकड़ों के अनुसार अब तक इमरान सरकार 442 मिलियन डॉलर का कर्ज ले चुकी है.