CAB पर भड़का पाकिस्तान, कहा- इस बिल से पड़ोसी देशों के मामले में दखल की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार की मध्य रात्रि के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि, 'हम इस विधेयक की निंदा करते हैं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार की मध्य रात्रि के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि, 'हम इस विधेयक की निंदा करते हैं.

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Ravindra Singh
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CAB पर भड़का पाकिस्तान, कहा- इस बिल से पड़ोसी देशों के मामले में दखल की कोशिश

इमरान खान( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

सोमवार की देर रात को लोकसभा से भारत का नागरिक संशोधन विधेयक (CAB) पास कर दिया गया है. इस बिल के लोकसभा से पास होने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि यह बिल प्रतिगामी और पक्षपातपूर्ण है. इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस विधेयक को नई दिल्ली का पड़ोसी देशों के मामलों में दखल देने का 'दुर्भावनापूर्ण इरादा' करार दिया है.

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आपको बता दें कि बता दें कि सोमवार की देर रात लोकसभा ने नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, लोकसभा में पास हुए इस बिल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से शरणार्थी के तौर पर 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए उन गैर-मुसलमानों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है जिन्हें उन देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा हो. इस बिल के मुताबिक उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार की मध्य रात्रि के बाद बयान जारी करते हुए कहा कि, 'हम इस विधेयक की निंदा करते हैं. यह प्रतिगामी और भेदभावपूर्ण है और सभी संबद्ध अंतरराष्ट्रीय संधियों और मानदंडों का उल्लंघन करता है. यह पड़ोसी देशों में दखल का भारत का दुर्भावनापूर्ण प्रयास है.'

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पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि भारत की लोकसभा में लाया गया यह विधेयक पाकिस्तान और भारत के बीच हुए दोनों देशों के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़े समझौते समेत विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों का भी पूर्ण रूप से विरोधी है. नए कानून का आधार झूठ है और यह धर्म या आस्था के आधार पर भेदभाव को हर रूप में खत्म करने संबंधी मानवाधिकारों की वैश्विक उद्घोषणा और अन्य अंतरराष्ट्रीय संधियों का पूर्ण रूप से उल्लंघन करता है.

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आपको बता दें कि सोमवार को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह विधेयक पेश किया. विधेयक पेश करते समय शाह ने यह स्पष्ट किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में किसी भी धर्म के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा था कि इस विधेयक से उन अल्पसंख्यकों को राहत मिलेगी जो पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार हैं. पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए बयान में यह भी कहा गया है कि, यह विधेयक क्षेत्र में कट्टरपंथी 'हिंदुत्व विचारधारा और प्रभावी वर्ग की महत्वकांक्षाओं' का जहरीला घोल है और धर्म के आधार पर पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में दखल की स्पष्ट अभिव्यक्ति है. पाकिस्तान इसे पूरी तरह से अस्वीकार करता है.

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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान में आगे कहा कि भारत सरकार की ओर से लाया गया यह विधेयक 'हिंदू राष्ट्र' की अवधारणा को वास्तविक रूप देने की दिशा में एक प्रमुख कदम है, जिस अवधारणा को कई दशकों से दक्षिणपंथी हिंदू नेताओं ने पाला-पोसा. पाकिस्तान ने इस बयान में आगे कहा, 'भारत का यह दावा भी झूठा है जिसमें वह खुद को उन अल्पसंख्यकों का घर बताता है, जिन्हें पड़ोसी देशों में कथित तौर पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.' पाकिस्तानी बयान में आगे कहा गया कि,
कश्मीर में भारत की कार्रवाई से 80 लाख लोग प्रभावित हुए है और इससे सरकारी नीतियों का पता चलता है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

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