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पाकिस्तान में 12-12 घंटे बिजली की कटौती, LNG सप्लाई के कारण गहराया संकट

नई पॉलिसी के तहत इटली और कतर की कं​पनियों को एलएनजी सप्लाई (LNG Supply) करने के लिए दीर्घ अवधि का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. अब ये कंपनियां पाकिस्तान  को मिलने वाली एलएनजी कहीं और खपाकर ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं.

Updated on: 15 Jun 2022, 04:42 PM

highlights

  • एलएनजी की ग्लोबल कीमतें आसमान छूने लगी हैं
  • पाकिस्तान ने एलएनजी में काफी ज्यादा निवेश किया था
  • ग्लोबल मार्केट में एलएनजी की कीमतें आसमान छू रही हैं

नई दिल्ली:

श्रीलंका की तरह पाकिस्तान (Pakistan) भी आर्थिक संकट से जूझ रहा है. इसके साथ देश को बिजली की भी किल्लत झेलनी पड़ रही है. इससे पहले किल्लत को लेकर पाकिस्तान ने लॉग टर्म पॉलिसी अपनाई थी. नई पॉलिसी के तहत इटली और कतर की कं​पनियों को एलएनजी सप्लाई (LNG Supply) करने के लिए दीर्घ अवधि का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था. अब ये कंपनियां पाकिस्तान  को मिलने वाली एलएनजी कहीं और खपाकर ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं. रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी लड़ाई (Russia-Ukraine War) का असर दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहा है. यूरोप ने यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस से गैस (Russian Gas) की खरीद को काम कर दिया है. इस वजह से एलएनजी की ग्लोबल कीमतें (LNG Global Prices) आसमान छूने लगी हैं.

इसका खामियाजा मश्किल में फंसे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) को भुगतना पड़ रहा है. आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान को कई शहरों में 12-12 घंटे अधिक बिजली कटौती (Pakistan Blackout) की जा रही है. पाकिस्तान की पुरानी गलती अब भारी पड़ रही है. 

नई पॉलिसी के तहत पाकिस्तान ने एलएनजी में काफी ज्यादा निवेश किया था. इटली और कतर की कंपनियों को एलएनजी सप्लाई (LNG Supply) करने का लॉग टर्म कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. अभी चूंकि ग्लोबल मार्केट में एलएनजी की कीमतें आसमान छू रही हैं, ये कंपनियां पाकिस्तान को मिलने वाली एलएनजी कहीं और खपाकर अधिक मुनाफा कमा रही हैं. दूसरी ओर पाकिस्तान के पावर प्लांट (Power Plant) से लेकर फर्टिलाइजर प्लांट (Fertilizer Plant) तक एलएनजी की शॉर्टेज का सामना कर रहे हैं.

इतनी बढ़ी एलएनजी की कीमतें 

एलएनजी की कीमतें बीते दो साल में 1000 फीसदी से अधिक बढ़ चुकी हैं. कोविड महामारी के बाद इसकी डिमांड बढ़ी है. इसके कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई. फिर रूस-यूक्रेन के कारण दामों में दोबारा इजाफा हुआ. तीसरा कारण यूरोप में एलएनजी की खपत बढ़ रही है. यूरोप बीते  साल की तुलना में इस वर्ष मई तक 50 फीसदी ज्यादा एलएनजी खरीद चुका है. यूरोप ने रूस के गैस पर निर्भरता कम करने को लेकर एलएनजी की खरीद बढ़ाई है.