जम्मू-कश्मीर पर मोदी सरकार के एतिहासिक फैसले के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है. यही वजह है कि अब उसने अमेरिका से इस ममाले में मध्यस्थता करने की गुहार लगाई है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लगातार घाटी में जवानों की तैनाती जारी है. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका से अपील की है कि वो जम्मू-कश्मीर मामले में मध्यस्थता करे.
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सोमवार को इमरान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि, अब समय आ गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मामले में मध्यस्थता करें. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लिखा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर मामले में मध्यस्थता की पेशकश की. अब ऐसा करने का समय आ गया है क्योंकि वहां हालात खराब हो रहे हैं और नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना नए आक्रामक कदम उठा रही है.' उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय संकट को हवा देने वाले कदम हैं.
इमरान खान ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के उनके अधिकार का उपयोग करने दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा का एकमात्र रास्ता कश्मीर समस्या के शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण समाधान से होकर गुजरता है.' उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने 'क्लस्टर बमों' का इस्तेमाल किया. इमरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस पर ध्यान देने के लिए कहा.
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इससे पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत अधिकृत कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए मंगलवार को कॉर्प्स कमांडरों की बैठक बुलाई. जियो न्यूज के अनुसार, कॉर्प्स कमांडरों की बैठक का एजेंडा जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के अवैध कदम और नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात और कश्मीर में उसके असर का विश्लेषण करना था. इसके पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान के दो सहयोगी देशों मलेशिया और तुर्की के राष्ट्राध्यक्षों से फोन पर बात की और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत के इस कदम को अवैध करार दिया और कहा कि इससे क्षेत्र की शांति नष्ट हो जाएगी.