भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विवाद में आने के बाद पाकिस्तान अब ईवीएम मशीन को लेकर चिंतित है। पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को लेकर सोच समझकर कदम रख रहा है।
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का निर्वाचन आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता को लेकर पूरी तरह से सावधान है। भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की सूचक बनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर हाल ही में आए चुनावी नतीजों के बाद सवाल उठाए जा रहे हैं।
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पाकिस्तान का चुनाव आयोग (ईसीपी) कागजी मतपत्र से एक झटके में ईवीएम पर जाने के पक्ष में कभी नहीं था। ऐसे में भारत की रिपोर्ट ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर अपनी चिंताओं को आगे बढ़ाया है।
आंतरिक बैठकों की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईसीपी के अंदर एक आम सहमति है कि पाकिस्तान को शुरू में ईवीएम प्रणाली के तहत पायलट परियोजनाओं में खुद को सीमित करना चाहिए।
हालांकि विभिन्न राजनीतिक दलों विशेषकर पाकिस्तान के तहरीक-ए-इंसाफ और क्रिकेटर से बने राजनेता इमरान खान ने भी मांग की है कि 2018 के चुनाव ईवीएम प्रणाली के तहत होने चाहिए।
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी हार के बाद पुराने पेपर के मतपत्रों को वापस लाने की मांग की है।
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HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान की निर्वाचन आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर पूरी तरह से सावधान
- भारत में विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया
- मायावती और अरविंद केजरीवाल ने पुराने पेपर के मतपत्रों को वापस लाने की मांग की है
Source : News Nation Bureau