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पाकिस्तान में हो रहा अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, इस विधायक ने भारत से मांगी मदद

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार से त्रस्त आकर पाकिस्तान के एक पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने भारत से राजनीतिक शरण की मांग की है.

Updated on: 10 Sep 2019, 09:31 AM

highlights

  • पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार. 
  • पाकिस्तान के एमएलए रहे बलदेव कुमार ने ली भारत में शरण. 
  • इस वक्त भारत के पंजाब में मौजूद हैं बलदेव.

नई दिल्ली:

Pakistan के ही एक विधायक ने पाकिस्तान की पोल दुनिया के सामने खोल दी जिससे ये पता चल गया कि पाकिस्तान जो कश्मीरियों को रहनुमा बनने की कोशिश करता है, वो अपने ही देश में अपने अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों पर कितना प्रताड़ित कर रहा है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार से त्रस्त आकर पाकिस्तान के एक पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने भारत से राजनीतिक शरण की मांग की है. ध्यान देने वाली बात ये है कि बलदेव सिंह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (PTI) के नेता हैं और पाकिस्तान के खैबर पख्तून ख्वा प्रांत के बारीकोट आरक्षित सीट से विधायक रहे हैं.

बलदेव कुमार इस समय भारत के पंजाब राज्य के खन्ना में मौजूद हैं और आगे भी भारत में ही रहना चाहते हैं. बलदेव कुमार अपने परिवार समेत पाकिस्तान से जान बचाकर भारत आए हैं. उनका कहना है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक दहशत के माहौल में रहने को मजबूर हैं.

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खैबर पख्तून ख्वा विधानसभा में अल्पसंख्यकों की आवाज बुलंद करने वाले बलदेव कुमार ने कहा कि इमरान खान से उन्हें बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उनके सत्ता में आने के बाद हालात और बिगड़े हैं और हिंदुओं, सिखों पर जुल्म बढ़ा है.
बलदेव कुमार खैबर पख्तूनख्वां विधानसभा में बारीकोट आरक्षित सीट से 36 घंटे के विधायक रहे हैं. बलदेव के मुताबिक अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान में अत्याचार हो रहे हैं. हिंदू और सिख नेताओं की हत्याएं की जा रही हैं, इसलिए वे जल्द ही भारत में शरण के लिए आवदेन करेंगे.

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बलदेव कुमार ने कुछ महीने पहले परिवार को यहां पंजाब के लुधियाना में अपने रिश्तेदारों के पास खन्ना शहर भेज दिया था. 12 अगस्त को तीन महीने के वीजा पर खुद बलदेव भी यहां आ गए थे. लेकिन, अब वे वापिस नहीं लौटना चाहते. बलदेव के मुताबिक साल 2016 में उनके विधानसभा क्षेत्र के विधायक की हत्या हो गई थी. इस मामले में उन पर झूठे आरोप लगाए गए और उन्हें दो साल तक जेल में रखा गया था. जबकि वो बाद में इस मामले से बरी हो गए थे.