पाकिस्तान ने भारत की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ, दिया यह बड़ा तोहफा

पिछले महीने इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे, जिस पर भारत में काफी आलोचना हुई थी।

पिछले महीने इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे, जिस पर भारत में काफी आलोचना हुई थी।

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vineet kumar1
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पाकिस्तान ने भारत की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ, दिया यह बड़ा तोहफा

पाकिस्तान ने भारत की तरफ बढ़ाया दोस्ती का हाथ

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफों के पुल बांधने के चंद घंटों बाद ही पाकिस्तान की तरफ से भारत के सिख श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई। सिद्धू ने दावा किया था कि पाकिस्तान भारतीय सीमा से लगे करतारपुर बॉर्डर क्रॉसिंग को खोलने जा रहा है। अब सिद्धू के इस दावे पर पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने मुहर लगाते हुए कहा है है कि पाकिस्तान में ऐतिहासिक गुरुद्वारे के दर्शन करने आने वाले भारतीय सिक्खों को वीजा आवेदन करने की जरूरत नहीं है। 

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पिछले महीने इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सिद्धू पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले थे, जिस पर भारत में काफी आलोचना हुई थी।
तब सिद्धू ने कहा था कि पाक आर्मी चीफ ने उनसे कहा है कि वह भारतीय सिखों के लिए गुरु नानक देव की 550 जयंती पर करतारपुर मार्ग खोलने जा रहे हैं।

अब पाक मंत्री ने भी कह दिया है कि गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने वाले सिखों के लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इस पर आगे कदम बढ़ाया जाएगा।

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बीबीसी उर्दू को दिए इंटरव्यू में उन्होंने करतारपुर मार्ग खोलने की बात कही।

आपको बता दें कि करतारपुर गुरुद्वारा भारतीय सीमा के करीब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है। यह तीर्थस्थल सिखों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने यहीं पर अंतिम समय बिताया था।

इंटरव्यू में भारत पर निशाना साधते हुए चौधरी ने यह भी कहा, 'भारत के साथ शांति वार्ता को लेकर पाकिस्तान आर्मी और सरकार की राय एक समान है लेकिन भारत सरकार ने ही इस मसले पर कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिया है।'

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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव जीतने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटरों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाकर और अपने पहले संबोधन में वार्ता का प्रस्ताव देकर भारत के प्रति सकारात्मक संकेत दिया था।

Source : News Nation Bureau

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