कंगाल PAK के PM इमरान खान (Imran Khan) को इस धर्मगुरु ने कर्ज न चुकाने का बताया इस्लामिक फॉर्मूला (Islamic formula), देखें Video

पाकिस्तान (Pakistan) कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. इस कर्ज से इमरान खान (Imran Khan) सरकार की हालात काफी खराब है.

पाकिस्तान (Pakistan) कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. इस कर्ज से इमरान खान (Imran Khan) सरकार की हालात काफी खराब है.

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Deepak Pandey
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कंगाल PAK के PM इमरान खान (Imran Khan) को इस धर्मगुरु ने कर्ज न चुकाने का बताया इस्लामिक फॉर्मूला (Islamic formula), देखें Video

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान( Photo Credit : (फाइल फोटो))

पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है. इस कर्ज से इमरान खान (Imran Khan) सरकार की हालात काफी खराब है. उनके बजट का 42 प्रतिशत पैसा तो सिर्फ कर्ज चुकाने में ही चला जाता है. इस बीच पाकिस्तान के एक शीर्ष धर्मगुरु ने इमरान खान को देश का कर्ज चुकाने का एक अजीबोगरीब तरीका बताया है.

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धर्मगुरु मौलाना खादिम हुसैन रिजवी ने कहा कि इस्लाम में ब्याज लेना जायज नहीं है, इसलिए पाकिस्तान ने जिन देशों से कर्ज लिया है, वह उन्हें सूद देने से इनकार कर दे. उन्होंने आगे कहा, पाकिस्तान को जिन देशों को कर्जा लौटाना है, उनसे कहे कि हमारे पास अभी पैसे नहीं है, जब होगा तब लौटा देंगे.

उन्होंने आगे कहा, कोई देश इसके बावजूद हम पर ज्यादा दवाब बनाने की कोशिश करे तो कह देंगे आपमें दम है तो लेकर दिखाएं. इमरान सरकार को सलाह देने वाले रिजवी का यह वीडियो पाकिस्तान की पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट किया है. जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

वीडियो में मौलाना खादिम हुसैन रिजवी पंजाबी में कह रहे हैं कि पाकिस्तान का कर्ज उतारने का नुस्खा मेरे पास है, मैं इसे मुफ्त बांट रहा हूं. पूरी दुनिया से कहो कि इस्लाम में सूद नहीं होता मतबल ब्याज देना इस्लाम में जायज नहीं है. इसलिए आप निकलो. रही बात मूलधन की तो वह हम जरूर देंगे, लेकिन जब होंगे तब चुकाएंगे. वो दवाब बनाएं तो कह दो आ जाओ निपट लो. लो जी उतर गया पाकिस्तान का कर्ज. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था सुधारना तो एक मिनट का काम है.

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बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पर अक्टूबर 2019 तक करीब 92 अरब डॉलर का कर्ज था. इमरान सरकार ने पिछले एक साल में करीब 16 अरब डॉलर देकर कर्ज की किश्तें चुकाई हैं. 5 सितंबर को एक डॉलर पाकिस्तान के 157 रुपये के बराबर था. पाकिस्तान में 22 करोड़ जनसंख्या में से सिर्फ 12 लाख लोग ही टैक्स भरते हैं. इनमें से 5 लाख लोग तो जीरो टैक्स पेयर हैं. अगर ऐसे ही हालात रहे तो पाकिस्तान को दिवालिया घोषित करने से कोई नहीं बचा पाएगा.

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